भोपाल।
प्रदेश के किसानों के लिए राहत भरी खबर है। द्वितीय चरण में 7 लाख किसानों के साढ़े 4 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय चरण में ऋण माफी की प्रक्रिया में और अधिक तेजी लाई जाए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न की जाए और किसान परेशान न हों।वही नाथ ने प्रथम चरण में ऋण माफी की प्रक्रिया से वंचित किसानों की जानकारी प्राप्त की।
दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंत्रालय में कृषि के साथ संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ जय किसान फसल ऋण माफी योजना के द्वितीय चरण की समीक्षा की थी। बैठक में कमलनाथ ने कहा कि हर पात्र किसान को समय-सीमा में योजना का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। द्वितीय चरण में प्रदेश के सात लाख किसानों के साढ़े चार हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ होंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि द्वितीय चरण में ऋण माफी की प्रक्रिया में और अधिक तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही न की जाए और किसान परेशान न हों।
पहले चरण में छूटे किसानों की मांगी जानकारी
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रथम चरण में ऋण माफी की प्रक्रिया से वंचित किसानों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी किसानों के आवेदन 31 जनवरी तक प्राप्त हो जाएं, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में बताया गया कि अभी तक 27 हजार किसानों के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।वही मुख्यमंत्री ने ऋण माफी प्रक्रिया में बैंक संबंधी विवादित प्रकरणों का भी तत्काल निराकरण करने को कहा। इस संबंध में अभी तक 95 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन किसानों को ऋण संबंधी जानकारी चाहिए, उनके आवेदन सी.एम. हेल्प लाइन के द्वारा स्वीकार कर उनका समाधान किया जाए। इस सुविधा का अभी तक 1 लाख 20 हजार किसानों ने लाभ उठाया है।
31 जनवरी तक भर सकेंगे फॉर्म
जय किसान फसल ऋण माफी योजना में जो किसान पहले शामिल नहीं हो पाए वे किसान 31 जनवरी क कर्जमाफी का आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को गुलाबी रंग का फार्म (पिंक फार्म) भरना होगा। इसका परीक्षण जिला स्तरीय समिति करेगी। इसके बाद कर्जमाफी का लाभ देने का नीतिगत निर्णय लिया जाएगा।जय किसान फसल ऋण माफी योजना के अंतर्गत उन किसानों की कर्जमाफी का लाभ दिया गया था, जिन पर 31 मार्च 2018 की स्थिति में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राष्ट्रीकृत बैंक का 02 लाख रुपए तक का कर्ज है। उक्त योजना के तहत बीते साल किसानों से आवेदन लिए गए।