भोपाल।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की धमकी के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को मध्यप्रदेश लागू नहीं करेगा।राज्य सरकार ने कहा है कि एनपीआर की अधिसूचना जारी होने के बाद जिस तरह का संशय बना है, उसे लेकर तय किया गया है कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा।इससे पहले भोपाल के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने प्रेस कांफ्रेंस कर धमकी दी थी कि यदि प्रदेश में एनपीआर लागू होगा तो फिर ऐसी पार्टी में रहने का क्या फायदा।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है यह दिनांक 9 दिसंबर 2019 का है। इस अधिसूचना के बाद केंद्र की सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया है अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है वह नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं किया गया है। यह नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 की नियमावली 2003 के नियम 3 के तहत किया गया है। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री यह स्पष्ट कर चुके हैं कि मध्य प्रदेश में अभी एनपीआर लागू नहीं किया जाएगा।
क्या कहा था विधायक आरिफ मसूद ने
दरअसल सोमवार को ही कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने यह चेतावनी दी थी कि अगर मध्य प्रदेश में एनपीआर लागू होता है तो फिर वे सरकार में रहने के अपने फैसले पर विचार करेंगे। यदि मुख्यमंत्री का रख सकारात्मक नहीं रहा तो ऐसी पार्टी में रहने का क्या मतलब है? उन्होंने प्रदेश सरकार से इस राजपत्र को तत्काल खारिज करने की मांग की। साथ ही आरिफ मसूद ने कहा था कि हम कागज नहीं दिखाएंगे। नो एनआरसी नो सीएए नो एनपीआर का अभियान पूरे प्रदेश में लिखने की शुरुआत भोपाल में हर घर से की जाएगी। आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया था कि 10 साल में जो जनगणना की जाती है उससे प्रदेश के नागरिकों को कोई एतराज नहीं लेकिन वर्तमान में जो संशोधित एनपीआर लागू हो रहा है उसके आधार पर जनगणना स्वीकार नहीं, जिसमें घरवालों की साथ-साथ उनके बाप-दादा की भी जानकारी मानी जाएगी ।आरिफ मसूद ने कहा कि घर और घर वालों की जानकारी प्राइवेट डाटा है जो हमारे मूल अधिकारों का उल्लंघन है।
यहां से शुरु हुआ विवाद
सोमवार को गृह विभाग द्वारा मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) का गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी किया गया था।जिसके अनुसार, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के अपग्रेडेशन का काम 1 मई से शुरू हो जाएगा। 14 जून तक मकानों की गणना के साथ-साथ चलेगा। यह दोनों काम जनगणना 2021 के पहले चरण के रूप में होंगे। एनपीआर में वर्तमान पते पर आप कब से रह रहे हैं? पूर्व में आप और आपके माता-पिता कहां रहते थे? जैसे करीब 16 सवाल पूछे जाएंगे। लेकिन कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। वहीं, मकान सूचीकरण, उनकी गणना के तहत भवन स्वामी से 31 सवाल होंगे।इसके प्रोफॉर्मा में पेन नंबर, प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई सवाल नहीं है, लेकिन परिवहन के लिए आप कौन सा वाहन इस्तेमाल करते हैं? यह जरूर पूछा जाएगा। इसके अलावा बेघर/ घुमंतु लोगों को संस्थागत परिवारों के रूप में पहली बार एनपीआर में दर्ज किया जाएगा।जिसको लेकर विधायक ने मुख्यमंत्री को धमकी दी और मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में ऐलान करते हुए कहा कि एमपी में एनपीआर लागू नही होगा।