भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।
प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,
सागर जिले की खुरई तहसील में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ 27 जनवरी को भाजपा नेताओं द्वारा की गई मारपीट और किये गये उत्पात की जानकारी आप को अब तक लग चुकी होगी। किस तरह शीर्ष भाजपा नेताओं के इशारे पर पूर्व विधायक कांग्रेस नेता श्री अरूणोदय चौबे और समर्थकों पर धारा 307 सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।
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राजनैतिक विरोधियों को परेशान करने और झूठा मुकदमा दर्ज कराने की यह नई शैली भाजपा सरकार ने अपना ली है। हर जिले में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध पुलिस को ढाल बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। सागर जिले की खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक नगरीय विकास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह है। जो सैकड़ों लोगों के साथ जुलूस निकालकर थाने गये थे और पुलिस पर दबाव डालकर गैर जमानती मामले दर्ज कराये थे।
प्रथम दृष्टया में यह मामला बहुत बड़े राजनैतिक षड़यंत्र का खुलासा करता है। इस घटना के कुछ वीडियो में पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूॅ। खुरई स्थित एक पार्क में 11 जनवरी की शाम को किन्ही अज्ञात तत्वों द्वारा वहां बने सेल्फी पॉइंट को तोड़ा जाता है और दूसरे दिन एक के बाद एक दो एफ.आई.आर. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज करा दी जाती है। पहली एफ.आई.आर. में 4 कार्यकर्ता और फिर दूसरी एफ.आई.आर. में 4 और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम जोड़ दिये गये। जबकि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सेल्फी पॉईंट तोड़ा था।
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आपके खुरई विधायक और मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह के दबाव में जब झूठी एफ.आई.आर. दर्ज की गई तो कांग्रेस पार्टी ने विरोध दर्ज कराने के लिये एस.डी.एम. को ज्ञापन देने के लिये 25 जनवरी को अनुमति ली। जब 27 जनवरी को पूर्व विधायक कांग्रेस नेता श्री अरूणोदय चौबे के नेतृत्व में कार्यकर्ता ज्ञापन देने तहसील ऑफिस जा रहे थे। इस बात की जानकारी मिलने पर भाजपा के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता भी भीड़ लेकर तहसील कार्यालय में जमा हो गये। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस से कांग्रेसियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए हो हल्ला किया फिर उत्तेजित होते हुए तहसील परिसर में रखी कुर्सियां फेंकना शुरू कर दी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की। पत्र के साथ संलग्न वीडियों में भाजपा के नेता संदीप रोकड़िया पुलिस को धक्का देकर धमकाते हुए दिख रहे है और पुलिस अधिकारी घबरा कर भाग रहा है। इस भाजपा नेता के खिलाफ पुलिस को धमकाने और शासकीय कार्य में हस्तक्षेप करने के लिये एफ.आई.आर. दर्ज की जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर एफ.आई.आर. दर्ज कर ली गई। तहसील परिसर के आसपास लगे सी.सी.टी.व्ही. कैमरे घटना की सच्चाई उजागर करने में पर्याप्त है।
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झंडे लिये भाजपा के लोगों ने न सिर्फ कांग्रेस के नेताओं से मारपीट की बल्कि पुलिस के अधिकारियों, सिपाहियों और पत्रकारों तक से धक्का-मुक्की की। उग्र भाजपा वालों का उपद्रव बढ़ने पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। भाजपा के प्रदर्शन का शिकार स्थानीय तहसीलदार श्री इसरार खान भी हुए, उन्हें भी लाठियां लगी। करीब 2 घंटे तक पूरे तहसील परिसर में अफरा-तफरी मची रही। इस घटना के दूसरे दिन भाजपा के लोगों ने पूर्व विधायक कांग्रेस नेता श्री अरूणोदय चौबे और समर्थकों को पुलिस केस में फंसाने के लिये एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को थाने में खड़ा कर एट्रॉसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। भीड़ का नेतृत्व करते हुए फरियादी को नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह थाने तक ले गये थे।
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इसी प्रकार एक अन्य फरियादी विनोद राजहंस की शिकायत पर पूर्व विधायक श्री अरूणोदय चौबेे एवं साथियों के विरूद्ध धारा 307 में जान से मारने के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया गया। सागर जिले की खुरई तहसील में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की घटना यह बताती है कि भारतीय जनता पार्टी ने सुचिता की राजनीति को तारतार कर दिया है। पूर्व में भी हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता अरूणोदय चौबे को ‘बिनायठा हत्याकांड’ में फंसा कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसमें माननीय न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया है।
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मेरा निवेदन है कि कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने के लिये रचे गये ‘‘खुरई कांड’’ की एस.टी.एफ. गठित कर जांच कराये, ताकि पुलिस को आगे कर घृणित साजिश रचने वाले नेताओं का पर्दाफाश हो सके। मेरी यह भी अपील है कि प्रदेश को ‘‘वेलफेयर स्टेट’’ से ‘‘पुलिस स्टेट’’ के रूप में तब्दील होने से बचाया जाये। हाल ही में घटित इस तरह की घटनाएं राज्य के पुलिस स्टेट बनने का संदेश दे रही है।
सहयोग के लिए मैं आपका आभारी रहूँगा।
सादर,
आपका
(दिग्विजय सिंह)
श्री शिवराज सिंह चौहान जी
माननीय मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन,
भोपाल, मध्यप्रदेश