भोपाल।
प्रदेश में आए दिन नेताओं पर हमले के मामले सामने आ रहे है। शुक्रवार को ही दमोह में बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए वरिष्ठ नेता देवेन्द्र चौरसिया और उनके बेटे पर अज्ञात हमलावरों ने हमला कर दिया था, जिसमें चौरसिया की इलाज के दौरान मौत हो गई वही बेटे की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना के बाद से ही शहर में तनाव की स्थिति है। इस मामले में बसपा विधायक के पति समेत सात लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया है। वही अब राजधानी भोपाल में महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव रीना रघुवंशी के बेटे पर जानलेवा हमले का मामला समाने आया है।घटनाक्रम के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है वही पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।
दरअसल, प्रदेश सचिव रीना रघुवंशी का बेटा आशु रघुवंशी 12 वी का पेपर देने छोला थाना अंतर्गत मालिखेड़ी स्थित स्कूल परीक्षा देने गया था, तभी स्कूल से बाहर निकलते ही 10 -12 लड़को ने उस पर चाकू , लोहे की रॉड और डंडो से जानलेवा हमला कर दिया और फरार हो गए लोहे की रॉड लगने से आशु बुरी तरह घायल हो गया और आनन-फानन में उसे तत्काल लांबाखेड़ा ग्लोबल अस्पताल मे इलाज के लिए भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।हालांकि चाकू लगने से पीछे और सीने पर कई जख्म हुए है। रॉड के निशान भी साफ तौर पर पीठ पर देखे जा सकती है।हाथ में भी फ्रेक्चर हुआ है। वही घटना की खबर मिलते ही कांग्रेस नेत्री अपने बेटे के पास अस्पताल पहुंची। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी। साथ ही स्कूल के आस-पास के लोगों से पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है कि हमला क्यो और किस षड़यंत्र को लेकर किया गया।फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है, जल्द ही उन्हें पकड़ने की बात कही जा रही है।घटनाक्रम को लेकर एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया अपने पुत्र सोवेश चौरसिया के साथ हटा-बोरी रोड स्थित कार्यालय जा रहे थे। तभी 4 वाहनों से आए 20 से 30 हमलावरों ने अचानक हमला कर दिया। इस जानलेवा हमले में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया और सोवेश घायल हो गए। दोनों को दमोह से जबलपुर की निजी अस्पताल रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान देवेंद्र चौरसिया की मौत हो गई, वहीं सोवेश की हालत अभी नाजुक है उनका इलाज चल रहा है। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। इस घटना से इलाके में तनाव पूर्ण हालत बन गए हैं। हालांकि यह पहला मौका नही है जब इस तरह की घटना सामने आई हो। इसके पहले भी इंदौर,मंदसौर समेत कई जिलों से नेताओं के हमले की खबरे आ चुकी है।इसको लेकर खूब बवाल भी मचा था। सड़क से लेकर सदन तक इस हमलो की गूंज सुनाई दी थी, कानून व्यवस्था पर सवाल उठे थे,लेकिन बावजूद इसके घटनाक्रम पर लगाम नही लग पा रही है।