भोपाल : बीजेपी के तिरंगा विक्रय केंद्र पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा-शर्मनाक और आपत्तिजनक

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर देशभर में घर-घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है इसी कड़ी में घर-घर तिरंगा उपलब्ध कराने के लिए बीजेपी ने भोपाल स्थित मुख्यालय में तिरंगा विक्रय केंद्र की स्थापना की है प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने आज ₹500 में तिरंगा खरीद कर विक्रय केंद्र का उद्घाटन किया हालांकि बीजेपी के विक्रय केंद्र खोलने पर कांग्रेस ने आपत्ति की है कांग्रेस की दलील है कि तिरंगा खरीदना और बेचना तिरंगे का अपमान है ठीक होता कि बीजेपी तिरंगे मुफ्त में वितरित करती उधर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार करते हुए इसे कांग्रेस का दिवालियापन करार दिया है।

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वही दूसरी तरफ़ कांग्रेस ने सवाल खड़े किए है, प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने विश्व की सबसे धनवान पार्टी भाजपा के राजधानी स्थित प्रदेश मुख्यालय, दीनदयाल परिसर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा द्वारा तिरंगा विक्रय केंद्र प्रारंभ किये जाने को एक अक्षम्य राजनैतिक अपराध बताते हुए कहा कि हमारी आजादी, स्वाभिमान, गौरव और अस्मिता के प्रतीक तिरंगे को सशुल्क विक्रय करना बेहद शर्मनाक और आपत्तिजनक है! उन्होंने कहा कि जिस विचारधारा के गुरू गोलवरकर ने तिरंगे को अशुभ बताते हुए इसे अपने पर नहीं लगाने की अपील की थी, वह आज भाजपाई स्वाभिमान में तब्दील कैसे हो गया, के के मिश्रा ने कहा कि आजादी के अभियान में जिनकी कोई भागीदारी नहीं रही सिवाय, अंग्रेजी की मुखबिरी और उनसे भत्ता लेेने के, वे आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ग्यारह कंपनियों को एक हजार करोड़ का तिरंगा बनाने का ठेका दिया गया है, जिसमें 07 कंपनियां सिर्फ गुजरात की हैं, खादी की अपेक्षा पॉलिस्टर का झंडा बनाया जा रहा है, जिसकी कीमती 30-40 रूपये निर्धारित की गई है और इसके आयोजन पर 300 करोड़ रूपये खर्च किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। क्या भाजपा जीएसटी में रजिस्टर्ड कंपनी है, के के मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तिरंगा बनाया, नेहरू ने जिसके लिए खून बहाया, इंदिरा गांधी ने जिसे पाकिस्तान में फहराया, भाजपा उसे बेचने की हिमाकत कर रही है? यही नहीं हमारे महापुरूषों द्वारा पिछले 70 वर्षों में जो विरासत बनायी थी वह यदि सात सालों में जिस विचारधारा द्वारा बेची जा रही है, वही अब आजादी के प्रतीक, हमारे बलिदान और अस्मिता की पहचान तिरंगे को भी बेच कर उस आजादी को भी अपमानित कर रही है, जिस पर हमारी राष्ट्रीयता गौरवान्वित होती है।


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Harpreet Kaur