भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आयुष्मान भारत निरामयम योजना के अंतर्गत राजधानी भोपाल (Bhopal) समेत करीब 18 अस्पताल हैं। इस अस्पतालों पर धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा का आरोप है, जिसके खिलाफ शासन इन अस्पतालों को आयुष्मान योजना से बाहर करने वाली है। दरअसल, इन अस्पतालों पर मरीजों के नाम सरकार के पैसे लूटने का आरोप है। हालांकि यह आरोप अब तक साबित नहीं हुए, जांच अब भी जारी है यदि आरोप सही निकलते हैं तो इन अस्पतालों को बंद करने का नोटिस भी जारी हो सकता है।
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सरकार इन अस्पतालों को मरीजों का इलाज करवाने के लिए करोड़ों रुपये भुगतान करती है, लेकिन उनका गलत इस्तेमाल करने पर सरकार सख्त एक्शन लेने से पीछे नहीं हटेगी। मंगलवार को स्वास्थ संचालनालय अधिकारियों द्वारा इन अस्पतालों पर छापा मारा गया। इस दौरान जब्त किए दस्तावेजों की जांच की रिपोर्ट बुधवार को सामने आई। जिसके बाद अधिकारियों का कहना है की इन अस्पतालों ने मरीजों के नाम पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। फिलहाल जांच अब भी जारी है और जरूरत हुई तो आगे भी चलेगी।
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इस मामले में कई जाने-माने अस्पताल भी शामिल है। नवजीवन, लोटस अस्पताल, माउंट, हॉप एसएस एंड रिसर्च सेंटर, भोपाल केयर, श्री साई, मेडिलाइफ, नागपुर, आयु, मोना, गुड्विल,सिल्वर लाइन आयुष्मान अस्पताल भोपाल, लेकसीटी, नवोदय कैंसर, राजाभोग, भोपाल मल्टी स्पेशलिटी आदि अस्पताल में छापा मारा गया, जिन्हें आयुष्मान योजना से बाहर भी निकाला जा सकता है।