शाबाश नेताजी… इस युवा की पहल पर अब हो सकेगा कन्यादान

Amit Sengar
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। राज्य निर्वाचन आयोग ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना पर लगाई गई पाबंदी को सशर्त हटा लिया है। इसके चलते अब मध्यप्रदेश में हजारों युवतियों के हाथ पीले होने में लगी सरकारी बाधा दूर हो गई है। उल्लेखनीय है कि इसके लिए बीजेपी के युवा नेता सुरेंद्र शर्मा ने पहल कर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।

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शाबाश नेताजी... इस युवा की पहल पर अब हो सकेगा कन्यादान

मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय चुनाव आचार संहिता लगी होने के बावजूद मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले सामूहिक विवाह कार्यक्रम संपन्न हो सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इसकी सशर्त अनुमति दी है। इसके तहत अब होने वाले मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह कार्यक्रमों के विज्ञापन जारी नहीं किए जाएंगे। इन कार्यक्रमो मे राजनेताओं व चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सहभागिता नहीं होगी। साथ ही उन सरकारी कर्मचारियों को इस कार्यक्रम से दूर रखा जाएगा जिनकी चुनाव कार्य मे ड्यूटी लगी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इन कार्यक्रमों में अन्य सभी आदर्श आचरण संहिता का पालन करने के लिए भी कहा है।

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दरअसल 26 मई को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा था और अनुरोध किया था कि मध्य प्रदेश में 10 जुलाई तक बड़े पैमाने पर सामूहिक विवाह कार्यक्रम होने है। लेकिन आदर्श आचरण संहिता लागू होने के कारण इन पर रोक लग गई है। शर्मा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया था कि वे राज्य निर्वाचन आयोग से ऐसे कार्यक्रमों पर रोक हटाने का अनुरोध करें ताकि गरीब लड़कियों के विवाह संपन्न हो सकें। शर्मा की इस पहल हर जगह सराहा जा रहा है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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