शिवराज सरकार का बड़ा फैसला : श्रवण बाधित और मूकबधिर परीक्षार्थियों को बोर्ड परीक्षाओं में मिलेंगे विशेष शिक्षक

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने श्रवण बाधित और मूकबधिर परीक्षार्थियों के लिए एक अच्छी पहल करते हुए उनके लिए बोर्ड परीक्षा के दौरान विशेष शिक्षक नियुक्त करने का फैसला किया है। अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में सांकेतिक साइन लैंग्वेज भाषा जानने वाले शिक्षकों (sign language teacher) को पर्यवेक्षक बनाया जायेगा।

राज्य शासन ने नि:शक्तजन आयुक्त संदीप रजक के लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा को लिखे पत्र में किये गए आग्रह को स्वीकार करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में ऐसे सभी परीक्षा केन्द्रों पर साइन लैंग्वेज जानने वाले शिक्षक को पर्यवेक्षक बनाने के निर्देश दिए हैं, जहाँ श्रवणबाधित एवं मूकबधिर परीक्षार्थी परीक्षा दे रहे हैं।

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लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान श्रवणबाधित एवं मूकबधिर परीक्षार्थियों के परीक्षा केन्द्रों पर विशेष शिक्षकों को पर्यवेक्षक बनाने और उन्हें केन्द्र पर परीक्षा अवधि में उपस्थित रहने की अनुमति प्रदान (Deaf and dumb students will get special teachers in MP board examinations) की है।

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नि:शक्तजन आयुक्त संदीप रजक ने बताया कि आमतौर पर हाई-स्कूल और हायर सेकेन्ड्री परीक्षा में मूकबधिर और श्रवणबाधित परीक्षार्थियों को सामान्य परीक्षार्थियों के साथ ही बैठने की व्यवस्था की जाती है और सामान्य शिक्षकों को ही पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाता है। इन विद्यार्थियों को प्रश्न-पत्र समझने में जब कठिनाई होती है तो सामान्य शिक्षक अक्सर समझ नहीं पाते या समझा नहीं पाते। ऐसे में साइन लैंग्वेज प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक इन विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान कर सकेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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