भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने 1 महिने में 1 लाख लोगों को रोजगार (Employment) का लक्ष्य रखा है, जिसे पूरा करने के लिए हर विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे है। इसी कड़ी में कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट (cabinet minister tulsi silavat) ने पहल करते हुए कहा है कि रोजगार के लिए मछुआ समाज के युवाओं को मछली पालन के लिए तैयार करें और उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएँ। विभाग लगातार क्रेडिट कार्ड, अनुदान, और सहायता भी उपलब्ध करवा कर उन्हें प्रोत्साहन राशि दें।
दरअसल, आज मछुआ दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मछुआ पालन ऐसा व्यवसाय है कि इससे कम लागत में अधिक से अधिक आय प्राप्त की जा सकती है वर्तमान में रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए मछली पालन सबसे बेहतर व्यवसाय है कृषि लागत की तुलना में मछली पालन में बहुत कम लागत आती है और आय भी अधिक होती है।
मंत्र तुलसी सिलावट ने कहा कि मछुआ समाज के युवाओं को मछली पालन के लिए तैयार करें और उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराएँ। विभाग लगातार क्रेडिट कार्ड (Credit Card), अनुदान, और सहायता भी उपलब्ध करवा कर उन्हें प्रोत्साहन राशि दें। वर्तमान में मछली पालन में भी नई तकनीक का प्रयोग किया जाना चाहिए और उत्पादन बढ़ाने के लिए मछुआरो को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में भी भेजा जाएगा। मछली उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उपभोक्ताओं को भी बढ़ाना है।
स्वास्थ्य मंत्री प्रभूराम चौधरी ने कहा जो लोग मछली खाते है, उनको अतिरिक्त Vitamin और मिनरल्स से इम्यूनिटी बढ़ाने (boosting immunity) में मदद मिलती है। मछली एक सम्पूर्ण आहार की श्रेणी में आती है जिससे शरीर की सभी आवश्यक जरूरत की पूर्ति हो जाती है। स्वाद के साथ स्वास्थ की बेहतर देखभाल के लिए इसे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मछुआ सोसायटी ने मछली उत्पादन बढ़ाने में बेहतर काम किया है। रायसेन के हलाली और बरना बांध में भी मछली उत्पादन और बढ़ाया जाए और नई तकनीक से बेहतर क्वालिटी की मछली उत्पादित की जाए।
इस अवसर पर अधिक उत्पादन करने वाली मछुआ सोसायटी को क्रमश: 50 हजार और 30 हजार एवं व्यक्तिगत रूप से काम कर रहे मछुआरों को भी ने प्रमाण-पत्र और राशि प्रदान की गई। कार्यक्रम में प्रोत्साहन राशि एवं 22 लाख से अधिक की राशि वितरित की गई। आजीविका योजना के अंतर्गत 5 करोड़ और नाव जाल योजना वितरण के अंतर्गत 3 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की गई।