भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में इस साल 2022 में सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) का उपयोग पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पर्यावरण संतुलन को बनाये रखने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है उसने राज्य सरकारों से भी इसका कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है। केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा राज्यों (State Government) से इस संबंध में सतत संपर्क बनाये रखते हुए क्षेत्रीय स्तर पर बैठक की जायेंगी। इन बैठकों में राज्यों द्वारा साझा किये गये अनुभव और योजनाओं के क्रियान्वयन के आधार पर केन्द्र शासन द्वारा सिंगल यूज़ प्लास्टिक उन्मूलन के लिये रोडमेप तैयार किया जाएगा। मध्य प्रदेश (MP News) में भी इसे लेकर तैयारी तेज हो गई है।
प्लास्टिक से बनी ये वस्तुएं की गई चिन्हित
जानकारी के अनुसार 2022 तक ऐसे सभी सिंगल यूज़ प्लास्टिक वस्तुओं को समाप्त करने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है, जिनकी उपयोगिता कम है लेकिन वो पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसी वस्तुओं में प्लास्टिक स्टिक वाले इयर बडस्, गुब्बारों की प्लास्टिक वाली डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, केन्डी स्टिक्स, आइसक्रीम की डंडियां, पोलीस्टाइरीन (थर्माकोल) की सजावटी सामग्री, प्लास्टिक से बनी प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, स्टरर्स, मिठाई के डब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट को लपेटने, पैकिंग करने के उपयोग में आने वाली प्लास्टिक फिल्म और प्लास्टिक/पीवीसी के 100 माइक्रॉन से कम मोटाई के बैनर शामिल हैं। प्रतिबंध लागू होने के बाद प्रभावित होने वाले लघु उद्योगों को चिन्हित कर वैकल्पिक रोजगार से जोड़ने के लिये शासन द्वारा कार्य-योजना बनाई गई है।
राष्ट्रीय स्तर से ब्लॉक स्तर तक एसटीए गठित
चिन्हित सिंगल यूज़ प्लास्टिक वस्तुओं की पूरी तरह समाप्ति के लिये राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स गठित किये गये हैं। मध्य प्रदेश सरकार भी इसे लेकर गंभीर है। मध्य प्रदेश में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टास्क फ़ोर्स गठित किया गया है। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स में अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव पर्यावरण, खेल एवं युवा कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास एवं आवास, औद्योगिक विकास एवं नीति प्रोत्साहन, तकनीकी कौशल, उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आयुक्त/संचालक जनसम्पर्क, सदस्य सचिव मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य संयोजक स्वच्छ भारत मिशन को शामिल किया गया है।
इन विभागों को जिम्मेदारी
टास्क फोर्स प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 को प्रदेश में लागू करने के लिये विभिन्न विभाग में समन्वय कर समयबद्ध कार्यवाही कर रहा है। शहरी क्षेत्र के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग और ग्रामीण क्षेत्र के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इसी तरह जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में और ब्लॉक स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है।
कार्यशालाओं में आये सुझावों पर होगा अमल
केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा एक्शन प्लान बनाने के लिये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ जल्द ही क्षेत्रीय स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। कार्यशालाओं में टास्क फोर्स और संबंधित व्यक्ति अपने अनुभव साझा करने के साथ लक्ष्य में आ रही रुकावटों और समाधान पर मंथन करेंगे। इन कार्यशालाओं में आए हुए सुझाव राष्ट्रीय स्तर पर अवांछित प्लास्टिक उन्मूलन में अति-महत्वपूर्ण होंगे।