भोपाल। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भाजपा में लगातार इस्तीफों का दौर जारी है। प्रदेश भर में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भोपाल से लेकर इंदौर और जबलपुर में भी विरोध जोर पर है। वहीं भाजपा के अल्पसंख्यक नेताओं के सामने भी संकट खड़ा हो गया है। जबलपुर में अल्पसंख्यक मोर्चे के 700 नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले भोपाल और इंदौर में भी इस तरह के सामूहिक इस्तीफे दिए जा चुके हैं। जिससे पार्टी की किरकिरी हो रही है। अब डैमेज कंट्रोल करने के लिए पार्टी खफा नेताओं को मनाने और सीएए के बारे में जानकारी देने के लिए एक वर्कशाप करेगी। जिसमें इस कानून के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इंदौर, भोपाल, खरगोन, गुना और सतना जिले में जनवरी में कुल एक हज़ार के करीब भाजपा नेताओं ने इस्तीफा दे दिया था। इसमें पूर्व राज्य सचिव अकरम खान और भाजपा मीडिया सेल के प्रदेश प्रभारी जावेद बैग भी शामिल हैं। भाजपा नेता नासिर शाह ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने पार्टी में होने वाले इस्तीफों के पीछे कानून पर फैलाए जा रहे “गलत सूचना” जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि “यदि हम खुद कानून को नहीं समझते हैं, तो हम दूसरों को कैसे जागरूक करेंगे? NRC को अभी तक लागू नहीं किया गया है, और CAA मुसलमानों के लिए खतरा नहीं है।”
इस्तीफा का दौर जारी रहा तो हो सकता है खतरा
प्रदेश में पंचायत चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में अगर प्रदेश में भाजपा नेताओं के इस्तीफे का दौर जारी रहा तो पार्टी को पंचायत चुनाव में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी हाईकमान फिलहाल इस्तीफों को गंभीरता से नहीं ले रहा है। अगर और भी जिलों में इस्तीफे हुए तो अल्पसंख्यक सेल पर संकट खड़ा हो सकता है। जिससे पार्टी को पंचायत चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है।