भोपाल। मध्य प्रदेश में एक ओर भाजपा नागरिकता संशोधन कानून के लिए समर्थन में रैलियां निकाल रही हैं, वहीं दूसरी ओर पार्टी विधायक इस फैसले के खिलाफ बयान दे रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने पार्टी लाइन से बाहर जा कर बयान दिया हो। वह पहले भी कांग्रेस को समर्थन देकर चर्चा में आए थे। अब उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए सीएए का विरोध किया है। इससे पहले भी उनके कांग्रेस में जाने की अटकलें लगती रही हैं। अब सीएए का विरोध कर उन्होंने एक बार फिर पार्टी बदलने का संकेत दिया है।
सीएए का विरोध कर अपनी ही पार्टी से घिरे नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का साथ मिला है। भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का भरपूर साथ मिला है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि नारायण त्रिपाठी का डीएनए कांग्रेसी है। आपको बता दें कि भाजपा विधायक ने कहा था कि धर्म के नाम पर देश का बंटवारा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि या तो आप संविधान के साथ हैं या फिर विरोध में हैं। यदि संविधान के हिसाब से नहीं चलना है तो इसे फाड़ कर फेंक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं गांव से आता हूं और वहां आज आधार कार्ड नहीं बन रहे हैं तो बाकी कागज कहां से लाएंगे. गृह क्लेश की स्थिति में आज गांव में लोग एक दूसरे की तरफ देख भी नहीं रहे हैं।
कांग्रेस का किया था समर्थन
पिछले साल जुलाई में विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा के दो विधायकों नारायण त्रिपाठी (मैहर) और शरद कोल (ब्योहारी) ने क्रास वोटिंग की थी। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। इस दौरान दोनों विधायको ने कांग्रेस सरकार को समर्थन देने की घोषणा की थी। नारायण त्रिपाठी ने इसे अपनी घर वापसी बताया था। त्रिपाठी 2014 में भाजपा में शामिल होने से पहले कांग्रेस के विधायक थे। वहीं शरद कोल भी 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले शहडोल में कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे।