भोपाल। राजधानी भोपाल में उत्तर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी फातिमा ने मतदान किया। इस दौरान उनके साथ एक कार्यकर्ता भी वोटिंग कक्ष में साथ दिखाई दिया। कार्यकर्ता ने झांकर देखा कि फातिमा ने किसे वोट किया है। वोटिंग कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ है। जिसे लेकर अब राजनीति के गलियारों में तरह तरह की चर्चा हो रही है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि, फातिमा को भाजपा ने टिकट तो दे दिया लेकिन जब वो खुद का मतदान करने के लिए पहुँची तो उनके साथ भाजपा कार्यकर्ता को ईवीएम मशीन तक भी भेजा गया। मतदान केंद्र में किसी मतदाता के साथ अन्य व्यक्ति को जाने देने और मतदान केंद्र के अंदर मोबाइल पर बात करने की इजाजत देने वाले अधिकारी भी शंका के घेरे में हैं। इन अधिकारियों और भाजपा प्रत्याशी की गतिविधियों की शिकायत चुनाव आयोग से की जा रही है। हालांकि, भाजपा की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया अभी तक सामने नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों से भाजपा की नियत पर सवाल उठ रहे हैं। चर्चा तो यह भी हो रही है कि भाजपा को अपने उम्मीदवार पर भरोसा नहीं है। इसलिए साथ में कार्यकर्ता को चेक करने के लिए भेजा गया।
गौरतलब है कि भाजपा ने प्रदेश की 230 सीटों में से राजधानी की उत्तर विधानसभा पर फातिमा को उतारा है। वह भाजपा की अकेली मुस्लिम प्रत्याशी हैं। यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर कांग्रेस के आरिफ अकील पिछले चार बार से लगातार विधायक हैं। भाजपा ने अल्पसंख्यक कार्ड खेलते हुए यहां से फातिमा की कांग्रेस से भाजपा में पैराशूट एंट्री करवाई थी। अब सोशल मीडिया पर उनका मतदान करने का वीडियो वायरल हो रहा है।
क्या है उत्तर विधानसभा का इतिहास
साल 1993 में फ़ातिमा के पिता कांग्रेस के उम्मीदवार थे। बीजेपी की ओर से रमेश शर्मा और जनता दल की ओर से अक़ील चुनाव मैदान में थे। इस चुनाव में अक़ील की वजह से कांग्रेस के वोट कट गए थे, जिसका फ़ायदा बीजेपी को मिला और रमेश शर्मा जीत गए। उस चुनाव के 25 साल बाद बीजेपी ने आरिफ़ अकील को टक्कर देने के लिए बीजेपी ने रसूल अहमद सिद्दिक़ी की बेटी फ़ातिमा रसूल सिद्दिक़ी को मैदान में उतारा है। लड़ाई आसान नहीं क्योंकि ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है और आरिफ़ पिछली पांच बार से यहाँ के विधायक हैं।