बुंदेलखंड की 10 सीटों पर सपा-बसपा बनी कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती

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भोपाल। विधानसभा चुनाव की रणभूमि हर दल के लिए बेचैनी भरी साबित हो रही है। कारण है कि अधिकांश सीटों पर कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख दलों के साथ बसपा-सपा और सपाक्स सहित अन्य दलों की आमद से लड़ाई कांटे होती जा रही है। बुंदेलखंड की कोई एक दर्जन सीटों पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है।

जिस बिजावर सीट पर भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, वहां बसपा और सपा के मैदान में आने से संघर्ष चतुष्कोणीय हो गया है। यहां पर पिछली बार के पराजित कांग्रेस प्रत्याशी राजेश शुक्ला को पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने सपा का दामन थाम लिया है। राजेश को 2013 के चुनाव में 40,197 वोट मिले थे। उन्हें भाजपा के मौजूदा विधायक पुष्पेंद्र नाथ पाठक ने 10,379 मतों से हराया था। इस बार भी राजेश दावेदारी कर रहे थे, लेकिन छतरपुर के पूर्व विधायक शंकरप्रताप सिंह बुंदेला उर्फ मुन्नाराजा को कांग्रेस का टिकट मिलने पर राजेश ने सपा के बैनर तले ताल ठोकी है। बसपा यहां हार के अंतर को कम करती रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बसपा ने अंजना महेंद्र गुप्ता को उतारा था। उन्होंने 15,544 वोट हासिल करके जहां राजेश के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं, वहीं पुष्पेंद्र पाठक की जीत के अंतर को कम कर दिया था। हालांकि इस बार बसपा ने प्रत्याशी परिवर्तन करते हुए अनुपम यादव को टिकट दिया है। इसी जिले की राजनगर सीट पर चार योद्धाओं के मैदान में होने से मुकाबला रोचक हो गया है। पहली बार चुनाव लड़ रहे भाजपा के अरविंद पटैरिया को टक्कर देने वर्तमान विधायक विक्रमसिंह नातीराजा कांग्रेस के टिकट पर यहां फिर मैदान में हैं। वहीं पूर्व सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी के पुत्र नितिन कांग्रेस से टिकट न मिलने पर बगावती तेवर अपनाते हुए सपा से रण में कूदे हैं। बसपा ने विनोद पटेल को टिकट देकर मुकाबले को चतुष्कोणीय बनाया है।


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