भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नीमच जिले के नयागांव आरटीओ बैरियर पर राजस्थान के ट्रक ड्राइवर की पिटाई का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले ही इस मामले की उच्चस्तरीय शिकायत की जा चुकी है। अब नीमच पुलिस की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं जिसकी उच्चस्तरीय शिकायत की गई है।
एक्शन में नगर निगम कमिश्नर, 6 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त, दो निलंबित
28 जुलाई को बिलासपुर से भीलवाड़ा कोयला लादकर ले जा रहे चित्तौड़गढ़ के ड्राइवर राजू बंजारा का पैर नयागांव आरटीओ बैरियर पर टूट गया था। राजू ने आरोप लगाया था कि उस पर अवैध वसूली के लिए दबाव डाला गया था और जब वह इसके लिए मना करने लगा तो आरटीओ पर पदस्थ निजी और सरकारी लोगों ने उस पर हमला कर दिया, उसे मारा और इस पूरे घटनाक्रम में उसका पैर टूट गया। राजू जब नयागांव चौकी पर इस मामले की रिपोर्ट दर्ज करने गया तो उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उसे जावद पुलिस थाने और एसपी नीमच कार्यालय से भी टरका दिया गया। इसके बाद राजू ने चित्तौड़गढ़ के एक निजी अस्पताल में पैर का ऑपरेशन कराया और अभी भी वह बिस्तर पर है।
जावद के टीआई का कहना है कि इस पूरे मामले में राजू आरटीओ बैरियर के कर्मचारियों से डर कर भागा था और कूदने से उसका पैर टूटा। लेकिन यहां सवाल यह पैदा होता है कि आखिरकार राजू डरा क्यों। पुलिस ने इस मामले की कोई तहकीकात ही नहीं की और ना ही यह पता करने का प्रयास किया कि राजू पर हमला करने वाले निजी लोग आखिरकार सरकारी आरटीओ बैरियर पर क्या कर रहे थे। इस पूरे मामले में न केवल जावद के टीआई की भूमिका संदेह के घेरे में है बल्कि आरटीओ बैरियर के प्रभारी अश्विनी खरे ने आखिरकार कैसे सरकारी बैरियर पर निजी कर्मियों की नियुक्ति करा दी, इस पर भी किसी ने जांच नहीं की। कुल मिलाकर पूरा मामला अब भोपाल पहुंच चुका है और जल्द ही इस मामले में पुलिस के कुछ अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।