भोपाल।
वित्तीय संकट से जूझ रही प्रदेश की कमलनाथ सरकार को केन्द्र से बड़ा झटका लगा है। केन्द्र की मोदी सरकार ने कमलनाथ सरकार को साफ कर दिया है कि वह इस बार केवल 66 लाख मीट्रिक टन गेहूं ही उठाएंगे।जबकी कमलनाथ सरकार ने समर्थन मूल्य पर 74 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है।ऐसे में आठ मीट्रीक टन का खर्चा राज्य सरकार को ही उठाना पड़ेगा। इस बात का एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है। केन्द्र के इस फैसले ने कमलनाथ सरकार की चिंता बढ़ा दी है।सरकार ने पत्र लिख केन्द्र से इसे बढाने की मांग की है। वही खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जल्द ही इस बारे में चर्चा करने वाले है।
![center-has-refused-to-take-8-lakh-tonnes-of-wheat-kamalnath-sarkar](https://mpbreakingnews.in/wp-content/uploads/2020/01/033120191759_0_1558691677-1009.jpg)
बता दे कि राज्य सरकार ने किसानों से 2000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की है। इसमें केन्द्र के 1840 रूपए समर्थन मूल्य और राज्य सरकार के 160 रुपए बोनस के शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के दावे के अनुसार, प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीदने से पहले केंद्र से 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की अनुमति मांगी थी, जिस पर केन्द्र सरकार ने सिर्फ पीडीएस में बांटने के लिए 23 लाख टन समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने की अनुमति दी थी। इस पर राज्य सरकार ने तर्क दिया कि अब तक मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को केन्द्र सरकार उठाती रही है। उसमें पीडीएस में बंटने वाले गेहूं की शर्त नहीं थी।जिसके बाद केन्द्र ने मौखिक रुप से राज्य को सहमति देते हुए कहा था वह किसानों से समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीदें, केन्द्र सरकार पूरा गेहूं उठा लेगा।लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते लिखित में कोई सहमति नही दी गई।अब चुंकी लोकसभा चुनाव समाप्त हो चुके है ,ऐसे में केन्द्र ने एक पत्र जारी कर राज्य सरकार को साफ कर दिया है कि वह 66 लाख मीट्रिक टन गेहूं ज्यादा नही उठाएगी, जबकी राज्य सरक��र ने किसानों से 74 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा है। ऐसे में राज्य सरकार के सामने आठ मीट्रीक टन गेहूं का संकट खडा हो गया है, क्योंकि अगर यह गेहूं केन्द्र नही खरीदेगा तो इसका सीधा 1500 करोड़ का भार राज्य सरकार पर आएगा।
चुंकी प्रदेश का खजाना पहले से ही खाली है, ऐसे में राज्य सरकार द्वारा 1500 करोड़ का भार उठाना मुश्किल है।इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब प्रदेश सरकार ने केंद्र को पत्र लिखा है और 74 लाख टन गेहूं खरीदी को मंजूरी देने की मांग की है। पत्र में राज्य सरकार ने पिछली खरीदी का भी हवाला दिया है। वही इस संबंध में अब मुख्यमंत्री कमलनाथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से जल्द ही इस बारे में चर्चा करने वाले है।राज्य सरकार को पूरी उम्मीद है कि केन्द्र उनकी बात समझेगा और पूरे गेहूं उठाने के लिए तैयार हो जाएगा।