भोपाल/इंदौर।
लोकसभा चुनाव से पहले हाईप्रोफाइल सीटों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है। जहां बीजेपी अपने गढ़ को बचाने की कोशिश कर रही है वही दूसरी तरफ जीत के बाद गदगद हो रही कांग्रेस 29 सीटों का लक्ष्य लेकर चल रही है। कांग्रेस की नजर इस बार कठिन सीटों पर है, इसी के चलते मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय को टफ सीट से चुनाव लड़ने को कहा गया है। जिसका गुना सांसद सिंधिया ने भी समर्थन किया है। जिसके बाद से ही अटकलें लगना शुरु हो गई है कि दिग्विजय इंदौर या भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव ल़ड़ सकते है। कयास लगाए जा रहे है कि पार्टी सिंधिया को इंदौर से उतारकर सबको चौंका सकती है,इसी बीच वर्तमान इंदौर सांसद और लोकसभा स्पीकर ने कांग्रेस को चैलेंज दिया है कि मेरे खिलाफ बेहतर प्रत्याशी हो खोजो।महाजन के इस बयान के बाद राजनैतिक गलियाओं में सियासी हलचल तेज हो चली है।
दरअसल, दिग्विजय और सिंधिया के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस पार्टी को उनके खिलाफ बेहतर उम्मीदवार खोजने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अच्छा उम्मीदवार लड़े तो उन्हें भी आनंद आएगा, इसलिए कांग्रेस पार्टी बेहतर उम्मीदवार ढूंढ ले। सुमित्रा महाजन ने चुनाव तैयारी को लेकर भी कहा कि हमारी तैयारी चल रही है । माहौल हमारे पक्ष में है, प्रधानमंत्री मोदी ने देश की विदेश में भारत की साख के साथ धाक जमाई है।इसके अलावा उन्होंने अपनी सुरक्षा लौटाने पर सीएम कमलनाथ के आए फोन पर कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछा आप क्यों प्रोटोकॉल लौटाना चाहती हैं तो मैंने कहा कि इंदौर शांत और सुरक्षित शहर है इसलिए यहां सुरक्षा की जरूरत नहीं है। हालांकि महाजन चुनाव लड़ेगी या नही यह अभी तक फायनल नही हो पाया है।वही हाईप्रोफाइल सीट होने के चलते यहां से सिंधिया और दिग्विजय के चुनाव लड़ने की अटकलें तेज है। मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद दिग्विजय से कह चुके है कि वह कठिन सीट से चुनाव लड़े। दिग्विजय भी साफ कर चुके है कि राहुल जहां से कहेंगें वहां से चुनाव लड़ूंगा, मुझे चुनौतियों की आदत है।वही ताई को अपनों से भी चुनौतियां मिल रही है। बीजेपी से विधायक रहे कवि सत्यनारायण सत्तन ने साफ कह दिया है कि वे सुमित्रा महाजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और इसके लिए प्रवीण तोगड़िया की पार्टी से भी उनकी बात चल रही है।
आठ बार सांसद रह चुकी है ताई
इंदौर में सुमित्रा महाजन को ताई के नाम से जाना जाता है। इंदौर सुमित्रा ताई का गढ़ है। वो यहां से लगातार आठ बार सांसद रही हैं। 1989 में प्रकाशचंद्र सेठी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। एनडीए सरकार में वे राज्यमंत्री भी रहीं। सुमित्रा महाजन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत का रिकॉर्ड बनाया था। वे प्रदेश में सर्वाधिक 4 लाख 66 हजार 301 वोटों से चुनाव जीती थीं। महाजन को 8 लाख 54 हजार 372 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 3 लाख 88 हजार 71 वोट थे। महाजन देश में सर्वाधिक वोटों से जीतने के क्रम में आठवें स्थान पर हैं। सुमित्रा महाजन देश की एक मात्र महिला हैं, जो लगातार आठवीं बार लोकसभा चुनाव जीती हैं। वहीं प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सात बार सांसद रह चुकी हैं।
सिंधिया का नाम भी चर्चाओं में
सुत्रों की माने तो इंदौर जैसी प्रतिष्ठित सीट के लिए एक नाम सिंधिया का भी शामिल है। इंदौर होल्कर स्टेट से जुड़ा हुआ है, 20 लाख से ज्यादा वोटर्स वाले इस क्षेत्र में महाराष्ट्रीयन और मराठा वोट का प्रभाव है। जिसका फायदा अबतक भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन को मिला है। वही सिंधिया के नाम की अटकले इसलिए भी है क्योंकि परिवार का रियासत के दौर से ही इंदौर से गहरा रिश्ता रहा है। आज भी होल्कर स्टेट से जुड़ी उषाराजे मल्होत्रा से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। वही मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में भी पिछले चार दशक से सिंधिया परिवार का दबदबा है। इंदौर क्रिकेट की राजनीति का गढ़ भी है। क्रिकेट में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और ज्योतिरादित्य के बीच हुए चर्चित चुनाव में सिंधिया ने शानदार जीत दर्ज की थी।ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी सिंधिया को मैदान में उतारकर सबकों झटका दे सकती है।
दिग्विजय लड़ सकते है यहां से चुनाव
वही कमलनाथ ने दिग्विजय को कठिन सीट से चुनाव लड़ने को कहा है, ऐसे में माना जा रहा है दिग्विजय यहां से चुनाव लड़ सकते है। चुंकी दिग्विजय का यहां बचपन बीता है और वे इंदौर की हवाओं से भी वाकिफ है। वही इंदौर में कांग्रेस के पास एक मजबूत टीम भी है, जो सालों से कांग्रेस के समर्थन में जबरदस्त काम कर रही है। वही उनकी स्कूली शिक्षा भी यहां हुई है। स्थानीय नेताओं में उनकी अच्छी पकड़ है।