भोपाल। कर्नाटक में बनते बिगड़ते समीकरण को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक मुख्यमंत्री के निवास पर बुलाई गई है। अचानक विधायक दल की बैठक बुलाए जाने पर राजनीति के गलियारोंं में चर्चाएं हो रहीं कि सरकार अपने विधायकों को सतर्क रहने के साथ ही एकजुट होने का पाठ पढ़ा सकती है। गोवा और कर्नाटक घटनाक्रम को देखते हुए इस बैठक को उससे जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, सरकार को डर है कि सदन में बजट पर चर्चा के बाद विपक्ष फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है। इसलिए कांंग्रेस ने विधायक दल की बैठक बुलाई है ताकि आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सके। सरकार विपक्ष को किसी तरह का मौका नहीं देना चाहती है इसलिए अपने विधायकों से सदन में मौजूद रहने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री आवास पर होने वाली इस बैठक के साथ विधायकों के लिए डिनर का इंतजाम भी किया गया है।
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राजनीति के पंडितों का मानना है कि दक्षिण के सियासी हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। बीजेपी बजट पारित कराने के लिए मतदान की मांग कर सकती है, जिसमें फ्लोर टेस्ट की स्थिति भी बन सकती है। सीएम ने सदन में सभी विधायकों को मौजूद रहने का व्हिप भी जारी किया है। ताकि मतदान की स्थिति में विधायकों की संख्या कम न हो। इससे पहले भी सीएम कमलनाथ सत्र शुरू होने के एक दिन पहले 7 जुलाई को विधायक दल की बैठक बुला चुके हैं, लेकिन अब 17 जुलाई को फिर से विधायकों की बैठक बुलाई है। मुख्यमंत्री शनिवार को बेंगलुरु गए हैं, जहां से लौटने के बाद कमलनाथ विधायकों से चर्चा करेंगे|