भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया और सीएम कमलनाथ को लेकर तकरार की अटकलें चल रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सिंधिया को अपने परिवार का सदस्य बता कर इस तरह की अटकलों को खत्म कर दिया। बीते कई दिनों से दोनों नेताओं के बीच दूरियां कम हुईं है। सिंधिया के जन्मदिन पर सीएम कमलनाथ ने एक फोटो शेयर किया था। जिसके साथ उन्होंने लिखा है कि सिंधिया परिवार के सदस्य हैं।
प्रदेश की सियासत में सिंधिया की नाराजगी को लेकर अटकलें चल रही हैं। पहले सीएम पद फिर बाद में प्रदेश अध्यक्ष का पद नहीं मिलने से उनके समर्थकों में भी गुस्सा है। पिछले साल सिंधिया लोकसभा चुनाव भी हार गए। लेकिन फिर उनका नाम पीसीसी चीफ को लेकर सामने आया। इस दौरान उनके समर्थक मंत्रियों के भी बयान सामने आए। वहीं ऐसी खबरें भी थीं कि सीएम कमलनाथ अपने किसी करीबी को पीसीसी बनाए जाने की सिफारिश कर सकते हैं। लेकिन अब सीएम और सिंधिया के बीच घटती दूरियों को लेकर सुगबिगाहट तेज़ हो गई है। इस साल प्रदेश से तीन राज्य सभा सांसदों का कार्यकाल भी पूरा हो रहा है। सिंधिया का नाम राज्य सभा सांसद के लिए भी चल रहा है। सिंधिया को परिवार का सदस्य बताए जाने को लेकर कांग्रेस में हलचल तेज़ हो गई है।
सिंधिया ने इससे पहले कई मोर्चों पर विफल होने के लिए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा था। विशेष रूप से राज्य में किसानों के लिए 2 लाख की फसल ऋण माफ करने के अपने वादे को पूरी तरह से लागू करने में नाकाम होने के लिए। यही नहीं ऐसा कहा जाता है कि सीएम ने सिंधिया को झाबुआ (एसटी) विधानसभा सीट के लिए होने वाले महत्वपूर्ण उपचुनाव में पार्टी के प्रचार से भी दूर रखा। सिंधिया एमपी में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में सार्वजनिक सभा कर रहे थे, राज्य सरकार की कृषि ऋण माफी योजना को लागू नहीं करने के लिए आलोचना कर रहे थे, जब मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार के लिए समर्थन का ढोल पीट रही थी। जबसे सिंधिया का नाम राज्य सभा सांसद के लिए सामने आया है। तब से उनके तेवर भी बदल गए हैं। अब सिंधिया सरकार के काम काज की तारीफ कर रहे हैं।