भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश को हुए बेहतर एवं सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) “कुंडू टास्क फ़ोर्स” (Kundu Task Force) की अनुशंसाओं को प्रदेश में लागू कर सांख्यिकीय प्रणाली (statistical system) का जनहित में उपयोग करेंगे। सीएम शिवराज ने ये बात आज शनिवार को कुंडू टास्क फ़ोर्स द्वारा प्रतिवेदन के लोकार्पण के दौरान कही।
सीएम शिवराज ने कहा कि सांख्यिकीय प्रणाली के कामकाज के सही मूल्यांकन और नीति-निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा।
सीएम शिवराज ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने सिर्फ 5 माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए टॉस्क फोर्स को धन्यवाद दिया। आपको बता दें कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) का गठन मप्र सरकार द्वारा किया गया है। आज इसके प्रतिवेदन का लोकार्पण मुख्यमंत्री ने किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा।
ये अनुशंसाएं भी शामिल
- सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण।
- राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण।
- जीएसडीपी की गणना एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव।
- जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव।
- उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।