CM शिवराज का बयान- नहीं होगी MP में ऑक्सीजन की कमी, बावई में बनेगा प्लांट

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Film actress Kangana Ranaut) और महाराष्ट्र सरकार ((Maharashtra Sarkar) की लड़ाई के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने महाराष्ट्र  के मुख्यमंत्री उद्धाव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) से फोन पर चर्चा की और  प्रदेश में ऑक्सीजन की सप्लाई फिर से शुरु करने की मांग की। इस पर उद्धव ठाकरे ने शिवराज को आश्वस्त किया कि वे पूरा प्रयास करेंगे कि मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन मिलती रहे।वही मुख्यमंत्री ने ऐलान करते हुए कहा है कि प्रदेश में लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए बाबई जिले के मोहासा में आइनॉक्स कंपनी द्वारा ऑक्सीजन का प्लांट डाला जाएगा। इसके लिए कंपनी को स्वीकृति दे दी गई है। जल्द ही इसका काम शुरू होगा।

दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने अब किसी भी प्रदेश को ऑक्सीजन की सप्लाई देने से मना कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में पैदा होने वाली पूरी ऑक्सीजन (Oxygen) को सिर्फ और सिर्फ महाराष्ट्र के लिए इस्तेमाल करने का आदेश जारी किया है। मतलब साफ है अब महाराष्ट्र देश के किसी भी अन्य राज्य को ऑक्सीजन सप्लाई नहीं करेगा। इसका असर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) पर भी पड़ने वाला है, क्योंकि मध्य प्रदेश के 15 से 20 जिले ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन की सप्लाई महाराष्ट्र से ही होती है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) के सामने ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ाने की चुनौती आ गई है।

आक्सीजन की कमी से शिवराज चिंतित

प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि आक्सीजन का विषय महत्वपूर्ण था जो मुझे चिंतित कर रहा था। आज मैने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Maharashtra CM Uddhav Thakare) से बात की है और उनसे आग्रह किया है कि ऐसे संकट के समय आक्सीजन की सप्लाई नही रोकनी चाहिए। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है और बताया है की कोविड के मरीजों के कारण ऑक्सीजन की दिक्कत उन्हें भी है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार यथासंभव प्रयास करेगी कि मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन की सप्लाई ना रुके।मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन की हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है, प्रारंभ मे एमपी में आक्सीजन की उपलब्धता केवल 50 टन थी, जिसे बढ़ा कर 120 टन तक कर ली है। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक 150 टन तक आक्सीजन की व्यवस्था कर ली जाएगी। एमपी को महाराष्ट्र से 20 टन आक्सीजन मिलती थी। आईनॉक्स की जो कंपनी 20 टन आक्सीजन नागपुर से सप्लाई करती थी, अब वही कंपनी गुजरात से और उत्तरप्रदेश से 20 टन आक्सीन एमपी को सप्लाई करेगी।

 आइनॉक्स कंपनी द्वारा ऑक्सीजन का प्लांट डाला जाएगा

मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारे यहां आक्सीजन के जो छोटे छोटे प्लांट है उनकी क्षमता भी कवल 50-60 टन थी, हमने उनसे आग्रह किया है कि वो फुल कैपेसिटी पर अपना प्लांट चलाएं। ताकि ऑक्सीजन की उपलब्धता में और बढ़ोतरी की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मै प्रदेश की जनता को आश्वस्थ करता हूं कि कोरोना के मरीजों को आक्सीजन की कमी प्रदेश में नही होगी। मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए होशंगाबाद जिले के मोहासा बाबई में आइनॉक्स कंपनी द्वारा ऑक्सीजन का प्लांट डाला जाएगा। इसके लिए कंपनी को स्वीकृति दे दी गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही इसका काम शुरू होगा। इस प्लांट में 200 टन ऑक्सीजन बनाने की क्षमता होगी, जिसे 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। राज्य शासन ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दूरगामी योजना पर भी कार्य कर रहा है। आईनॉक्स कंपनी का ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में लगाने की अनुमति दी जा रही है। होशंगाबाद के मोहासा बावई में यह प्लांट लगेगा। इसमें 200 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा।

कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं : सावधानी आवश्यक

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य में कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं यह वास्तविकता है। परन्तु हर स्थिति में व्यवस्थाएं ठीक चलती रहें उसके लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की आवश्यकता भी है। इस दिशा में भी राज्य सरकार कार्यरत है। चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला चिकित्सालयों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में कोविड के प्रभावी इलाज की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश लॉक से अनलॉक की ओर बढ़ा है। अर्थव्यवस्था को पुन: लॉक नहीं कर सकते। आर्थिक गतिविधियां बंद नहीं हो सकती। इस परिस्थिति में सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। उन्होंने प्रदेशवासियों से मॉस्क का उपयोग हर स्थिति में करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉस्क और परस्पर दूरी कोरोना से बचाव का प्रभावी उपाय है।

फीवर क्लीनिक-कमांड कंट्रोल सेंटर को बनाया जाए प्रभावी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लक्ष्य आधारित रणनीति क्रियान्वित की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिलों में फीवर क्लीनिक पर आवश्यक जांच और उपचार की व्यवस्था हो। फीवर क्लीनिक को और अधिक सशक्त किया जा रहा है। सभी जिलों में सोमवार तक कोविड कमांड तथा कंट्रोल सेंटर आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इससे होम आईसोलेशन में जो मरीज हैं उनकी मॉनीटेरिंग की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कमांड कंट्रोल सेंटर पर एम्बूलेंस की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। अगर किसी भी मरीज को जरूरत पड़े तो उसे तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। श्री चौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन व्यवस्था सुदृढ़ कर इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।

बता दें कोरोनावायरस माइल पेशेंट को छोड़कर मॉडरेट और सीरियस पेशेंट को ऑक्सीजन की जरूरत होती है। एक कोरोना मरीज को प्रति मिनट 4 से 6 लीटर ऑक्सीजन दी जाती है। ऐसे में ऑक्सीजन की सप्लाई के बिना उपचार की कल्पना ही अधूरी है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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