Bhopal News : भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई सीखो कमाओ योजना पर सवाल खड़े करते हुए मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि “सीखो कमाओ योजना” शिवराज सरकार द्वारा सिर्फ़ भाजपा युवा मोर्चा और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को चुनावी भत्ता देने के लिए शुरू की गई है।
भाजपा को मिली करारी हार से घबराई मप्र भाजपा सरकार
विवेक त्रिपाठी ने कहा कि हिमाचल और कर्नाटक में भाजपा को मिली करारी हार से घबराई मप्र भाजपा सरकार चुनाव से पहले प्रदेश के 1 करोड़ नाराज बेरोजगार युवाओ को जोकि सरकार से त्रस्त होकर प्रदेश में कमलनाथ जी के समर्थन में बदलाव की तैयारी में हैं उन्हें साधना चाहती है। विवेक त्रिपाठी ने कहा कि सूची का अध्ययन करने पर दो कोर्स ऐसे हैं जिनमें भाजपा सरकार असिस्टेंट ऑपरेटर और मीडिया कोर्डिनेटर की ट्रेनिंग के नाम पर ABVP और भाजपा युवा मोर्चे के कार्यकर्ताओं को आर्थिक लाभ देना चाहती है। उन्होंने कहा कि एक तरफ़ भाजपा सरकार नई ट्रेनिंग शुरू करने का दावा कर रही है परन्तु प्रदेश में संचालित NULM ट्रेनिंग जिसमें ग़रीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले युवाओ को 27 विभिन्न सेक्टरों के 150 कोर्सो में ट्रेनिंग दी जाती थी उसको गुपचुप रूप से बंद कर चुकी है इसमें सत्र 2022-23 में एक भी छात्र का पंजीकरण नहीं किया गया है। विवेक त्रिपाठी ने कहा कि सरकार ये बताने का कष्ट करे कि वे युवा जो विगत 3 वर्षों से कॉलेज में पढ़ाई कर रहे है फ़ीस भर रहे है परन्तु परीक्षा ना होने के कारण आज भी 12 वी पास है इनको किस श्रेणी में भत्ता दिया जाएगा।
यूथ कांग्रेस का आरोप
विवेक त्रिपाठी ने आगे कहा कि एक तरफ भाजपा सरकार सीखो कमाओ योजना के माध्यम से कोविड फ्रंटलाइन वर्कर बना रही लेकिन वहीं दूसरी ओर कोविड काल के दौरान दिन-रात कोरोना की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रशिक्षित व योग्य कोरोना वारियर्स को भाजपा सरकार ने नौकरी से निकाल कर बेरोजगार कर दिया। भाजपा सरकार सिर्फ योजना के नाम पर युवाओं को गुमराह कर रहीं हैं। अगर नॉन मेडिकल युवाओं को कोविड फ्रंटलाइन वर्कर बना देगी तो लाखों रूपए खर्च करके मेडिकल नर्सिंग पैरामेडिकल की पढ़ाई करने वाले युवा बेरोजगार पंचर जोड़ने का काम करेंगे क्या। विवेक त्रिपाठी ने आगे कहा कि इस योजना में 18 से 29 वर्ष के युवाओं को ट्रेनिंग की पात्रता है हम इस सरकार से अनुरोध करते हैं की पहले उन लाखों युवाओं को मुआवजा स्वरूप राशी प्रदान करें जो कई वर्षों से शासकीय पदों के लिए तैयारी कर रहे थे। परन्तु सरकार की लापरवाही के कारण भर्ती प्रक्रिया न होने के कारण अपात्र हो गये हैं आगे कहा कि जब सरकार ने विधानसभा में स्वयं स्वीकार किया है की प्रदेश मे बेरोजगार युवाओं की संख्या 28 लाख है तो फिर योजना केवल 1 लाख युवाओं के लिये क्यों।