Bhopal News : अस्पताल की लापरवाही से कांग्रेस नेता की मौत, डीन-अधीक्षक को नोटिस

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में शुक्रवार देर रात हमीदिया अस्पताल में लापरवाही के चलते 67 वर्षीय पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता अकबर खान (Congress leader Akbar Khan) की मौत हो गई। कांग्रेसियों ने इस पर नाराजगी जताई है। जिसके बाद चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang)ने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया वही हमीदिया के डीन और अधीक्षक को नोटिस थमा दिया है। घटनाक्रम के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार, बीते दिनों पूर्व पार्षद और कांग्रेस नेता अकबर खान की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) आई थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में भर्ती करवाया गया था। तीन दिन पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी, लेकिन उन्हें हाईफ्लो सपोर्ट रखा गया था, देर रात अचानक कोरोना यूनिट में बिजली (Electricity) गुल हो गई, ऐसे में इमरजेंसी बैकअप के तौर पर जनरेटर चालू किया गया लेकिन डीजल ना होने के चलते वह भी 10 मिनट में वह भी बंद हो गया। ऐसे में कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों की मशीनें बंद हो गई थीं और डेढ़ घंटे तक वार्ड में अफरा-तफरी मची रही। हाईफ्लो सपोर्ट पर चल रहे दो मरीजों की हालत बिगड़ गई। उनको वेंटिलेटर (Ventilator) पर लिया, सीपीआर भी दिया गया। लेकिन, कांग्रेस से दो बार पार्षद रहे 67 वर्षीय मरीज अकबर खान की रात 10:40 बजे मौत हो गई। दूसरे मरीज की भी हालत गंभीर बताई जा रही है।रात करीब एक बजे उनका शव डॉक्टरों ने परिवार को सौंप दिया। शनिवार (Saturday) को उन्हें सुपुर्दे खाक किया जाएगा।

इधर घटना के बाद कांग्रेसियों (Congress) में आक्रोश है। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन ने बिजली गुल होने से मौत होने की बात पर इनकार किया है। वहीं इस मामले में चिकित्सा मंत्री विश्वास सारंग ने हमीदिया के डीन और अधीक्षक को नोटिस थमाया है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर (PWD Engineer) को निलंबित (Suspended) कर दिया गया। घटना के बाद से ही पूरे अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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