Corruption in MP Transport Department: प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की कहानी के कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं। लगातार इन मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। दो बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सख्त टिप्पणी किए जाने के बावजूद इन गतिविधियों पर विराम लगना तो दूर की बात है, आरोपियों पर कार्रवाई तक नहीं हुई है। वहीं परिवहन विभाग के इस भ्रष्टाचार का असर अब सीधे-सीधे मध्यप्रदेश के निवेश और लॉजिस्टिक मार्केट पर पड़ रहा है। जिस पर केंद्र सरकार के सीनियर आईएएस द्वारा सरकार को पत्र लिख उनसे सवाल किए गए हैं।
लॉजिस्टिक इंडेक्स में गिरती रैंकिंग
स्पेशल सेक्रेट्री द्वारा अपने पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की लगातार बढ़ रही घटना अब सरकार के लिए मुसीबत बन रही हैं। कुछ ही महीने में लॉजिस्टिक इंडेक्स में मध्य प्रदेश ने 21 राज्यों की सूची में 17वें नंबर हासिल किए हैं।लॉजिस्टिक इंडेक्स की गिरती रैंकिंग के लिए अधिकारी ने परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार को प्रमुख कारण बताया है।
भ्रष्टाचार के मामले में लगातार वृद्धि
अपने लिखे पत्र में स्पेशल सेक्रेट्री अमृतलाल मीना ने कहा है कि प्रदेश के चेक नाका पर प्रवेश और निकासी के समय ट्रक ड्राइवर से 500 से 1500 रुपए तक की वसूली की जाती है। इतना ही नहीं आरटीओ ऑफिस के ऑफिसर्स और कर्मचारी बाहर से आने वाले ट्रक ड्राइवरों के साथ दुर्व्यवहार भी करते हैं। ड्राइवर से किए जा रहे अवैध मांग को लेकर अब ड्राइवर भी उत्तेजित हो रहे हैं। कई बार इस मुद्दे की जानकारी राज्य सरकार को दी गई, बावजूद इसके कड़ी कार्रवाई ना होने की वजह से भ्रष्टाचार के मामले में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। अब भ्रष्टाचार का प्रभाव प्रदेश के निवेश और लॉजिस्टिक पर भी पड़ रहा है।
मंत्री-अधिकारियों ने भी कुबूली अवैध वसूली की बात
मामले में परिवहन एसोसिएशन के सदस्य सीएल मुकाती का कहना है कि इस मामले में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सहित अधिकारियों ने भी अवैध वसूली की बात कुबूली है। इसके अलावा मुकाती द्वारा बैरियर को बंद करने की भी मांग की गई है। बता दे कि महाराष्ट्र में 15 फरवरी से नाके को बंद कर दिया गया है और मध्यप्रदेश में भी इसके बंद किए जाने की मांग की जा रही है।
मुख्यमंत्री निवास को घेरने की तैयारी
दूसरी तरफ ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा सीमा चौकियों पर अवैध वसूली को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अवैध वसूली को समाप्त करने की तरफ कोई रुचि नहीं दिखा रही है। जिससे ट्रांसपोर्ट को बड़ा नुकसान हो रहा है। जबरन वसूली और भ्रष्ट्राचार पर रोक नहीं लगा पाने से ट्रांसपोर्ट कांग्रेस काफी गुस्से में हैं और उन्होंने सांकेतिक भूख, हड़ताल और धरना के साथ मुख्यमंत्री निवास को घेरने की तैयारी की है। 20 दिसंबर को धरना और सांकेतिक भूख हड़ताल के साथ ही ट्रांसपोर्ट कांग्रेस राज्य शासन के सामने आरटीओ पर अवैध वसूली और बेलगाम भ्रष्टाचार का विरोध करेगी।