क्या शिवराज का संदेश नहीं सुन पाये ये आईएएस अधिकारी!

आबकारी आयुक्त

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में इन दिनों शराब को लेकर गहमागहमी तेज है और मुरैना में जहरीली शराब के चलते हुई मौतों के बाद सियासत गरमाई हुई है। इन सबके बीच प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) के इस बयान ने, कि सरकार अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए शराब की नई दुकानें खोलने पर विचार कर सकती है, एक नई बहस को जन्म दे दिया और विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सरकार पर प्रहार करने शुरू कर दिए। लेकिन इसके फौरन बाद ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (cm shivraj singh chouhan) ने साफ कर दिया कि सरकार का नई शराब की दुकानें (liquor shop) खोलने का कोई विचार नहीं है।

इन सबके बीच बीजेपी की फायरब्रांड नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (uma bharti) ने एक के बाद एक ट्वीट करके प्रदेश सरकार की शराब नीति को ही आड़े हाथों ले लिया और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से बीजेपी शासित प्रदेशों में पूर्ण शराबबंदी की मांग कर डाली। यानी अब तक यह स्पष्ट हो चुका था कि प्रदेश सरकार को नई शराब खोलने के मुद्दे पर कोई नया कदम नहीं उठाना है। लेकिन प्रदेश के आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे (excise commissoner rajeev chandra dubey ) के एक पत्र ने प्रदेश की राजनीति फिर गरमा दी। गुरुवार को जारी पत्र में प्रदेश के कलेक्टरों से नई शराब दुकान खोलने के बारे में प्रस्ताव मांग लिए गए। हैरत की बात यह है कि जब प्रदेश में शराब को लेकर इतनी गहमागहमी मची है और राज्य सरकार बैकफुट पर है, ऐसे में क्या प्रदेश के आबकारी आयुक्त को सरकार की साख की चिंता नहीं है। और क्या शिवराज सिंह चौहान के वक्तव्य को आबकारी आयुक्त दुबे ध्यान से नहीं सुन पाए कि उन्होंने इस तरह का आदेश जारी कर दिया। अब यह आदेश सियासत में नई सरगर्मी मचाएगा, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और कांग्रेस इस मुद्दे पर एक बार फिर बीजेपी की सरकार को कटघरे में खड़ा करने की पुरजोर कोशिश करेगी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।