CPI (M) raised questions regarding Patwari recruitment exam : ‘पटवारी परीक्षा के परिणाम पर हुई फजीहत के बाद भले ही शिवराज सरकार ने इस पर रोक लगा दी है, मगर असली प्रश्न यह है कि हर प्रतियोगी परीक्षा के घोटाले में भाजपा नेता या मंत्री ही क्यों होते हैं’ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने ये बयान जारी करते हुए कहा है कि पटवारी परीक्षा में यदि बसपा से भाजपा में शामिल हुए विधायक और उनका कॉलेज चर्चा में है तो पिछले साल शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र शिवराज सिंह चौहान के मंत्रीमंडल के सदस्य गोविंद सिंह राजपूत के कॉलेज से एक दिन पहले ही आउट हो गया था।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि कृषि विस्तार अधिकारी की परीक्षा में तो सबके सबके दस टॉपर ग्वालियर के एक ही महाविद्यालय और एक ही जाति के थे। और सबके नंबर भी एक सामान थे। हंगामे के बाद इस परीक्षा को भी स्थगित करना पड़ा था। माकपा ने कहा है कि चर्चित व्यापमं घोटाले में तो शिवराज सरकार के पूर्व मंत्री जेल भी जा चुके हैं। जसविंदर सिंह ने कहा है कि बेंगलुरु की जिस कंपनी को पटवारी की परीक्षा करवाने का ठेका दिया गया था, उसकी 17 परीक्षाएं संदेह के घेरे में आने के बाद स्थगित की जा चुकी हैं। प्रश्न यही पैदा होता है कि इस संदिग्ध आचरण वाली कंपनी को ही बार बार परीक्षा करवाने का ठेका क्यों दिया जाता है?
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि भाजपा की शिवराज सरकार बार बार परीक्षाओं में धांधली कर युवाओं के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ नहीं कर रही है बल्कि परीक्षा फीस के बहाने पालकों की जेब पर भी डाका डाल रही है। जसविंदर सिंह ने युवा और रोजगार विरोधी सरकार के खिलाफ युवाओं को संगठित होने और समय आने पर सत्ता से बाहर करने का आह्वान किया है।