भोपाल। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका के जरिए राज्य की सभी 29 लोकसभा सीटों पर हुए निर्वाचन को रद्द करने की मांग की गई है। मध्यप्रदेश जनविकास पार्टी की ओर से दायर इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ नोटिस जारी किया है, और चार हफ्तों में जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएस झा व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने इस सिलसिले में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सहित अन्य को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर जवाब-तलब किया।
जनहित याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जनहित याचिकाकर्ता कि मध्यप्रदेश जनविकास पार्टी 2017 में पंजीकृत हुई। विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव चिन्ह आवंटन के लिए आवेदन लगाया गया था। इस पर पार्टी में आंतरिक कलह का मनमाना कारण दर्शाते हुए चुनाव चिन्ह देने से इंकार कर दिया गया। बहस के दौरान बताया गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के नियम 10 (ख) की संवैधानिक वैधता कठघरे में रखे जाने योग्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके तहत चुनाव से 6 माह पूर्व आवेदन करने पर ही चुनाव चिन्ह आवंटित करने का प्रावधान किया गया है। पूर्व में इस रवैये के खिलाफ दो याचिकाएं दायर की गई थीं। उनका निराकरण आवेदन पर विचार के निर्देश के साथ कर दिया गया था। फिलहाल याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद की जाएगी।
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याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव चिन्ह आवंटन न करने की गलती के कारण समूची चुनाव प्रक्रिया निर्धारित नियमों के प्रकाश में ही दूषित हो चुकी है। लिहाजा, सभी विजयी सांसदों का निर्वाचन रद्द करके नए सिरे से चुनाव कराने चाहिए।