VIDEO: राजधानी में कुत्तों का आतंक, चार साल की मासूम को बुरी तरह नोंचा

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भोपाल| राजधानी भोपाल में कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है की आज भोपाल के अधिक्कतर इलाकों में कुत्तों से लोग परेशान है। रात के समय घर जा रहे लोगों को कुत्तों का सामना करना पड़ता है। जो की काफी खौपनाक मंजर होता है। सोमवार शाम साढ़े सात बजे पुराने शहर के बाल विहार इलाके में घर के बाहर खेल रही चार साल की बच्ची पर एक कुत्ते ने हमला कर दिया। चीख सुनकर जब तक बच्ची की मां घर से बाहर आई तब तक कुत्ता बच्ची को लहूलुहान कर चुका था। आवारा कुत्ते द्वारा हमला किए जाने के मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए भोपाल के नगर निगम आयुक्त ने प्रतिवेदन मांगा है। आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में आयोग ने पूछा है कि क्या पीडित बच्ची के परिवार को कोई क्षतिपूर्ति दी गई है। साथ ही शहर में आवारा कुत्तों की रोकथाम, बंदिश लगाने के लिए नगर निगम, भोपाल ने क्या रणनीति तैयार की है। 

बाल बिहार इलाके में चार साल की मासूम सोमवार शाम घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान अचानक आए आवारा कुत्ते ने उस पर हमला कर उसे जमीन पर पटक दिया। बच्ची की चीख सुनकर उसकी मौसी सना बाहर दौड़ी, तो बाहर आवारा कुत्ते उसे नोंचने पर आमादा था, जैसे-तैसे उसे भगाया, लेकिन तब तक कुत्ता बच्ची के चेहरे और सिर को बुरी तरह से नोच चुका था। परिजन फौरन बुरी तरह लहूलुहान बच्ची को लेकर हमीदिया अस्पताल पहुंचे। यहां इलाज के बाद मंगलवार को वे रहवासियों के साथ कलेक्टर और निगमायुक्त से शिकायत करने पहुंचे। कुत्ते के हमले की शिकार हुई चार साल की माहिरा के पड़ोसी औसाफ अली ने बताया कि रात में ही नगर निगम आयुक्त बी विजय दत्ता को फोन पर जानकारी दी थी। उन्होंने सुबह मिलने को कहा, लेकिन मिले नहीं। शिकायत करने कलेक्टर के पास गए, वहे मिले, लेकिन बात नहीं की। यहां मोहल्ले में 20 से ज्यादा कुत्ते झुंड बनाकर घूमते हैं। लोगों पर हमला करते हैं। नगर निगम से ढेरों शिकायतें कर चुके हैं। 

शहर में आवारा कुत्तों के काटने के मामले आये दिन सामने आते हैं|  मामले को गंभीरता से लिया जाए तो आज राजधानी के सभी क्षेत्रों में कुत्तों के द्वारा लोगों को दौड़ाने की सूचनाऐं सामने आती रहती है। कुत्ते गाड़ी चालकों के पीछे भागते दिखाई पड़ते हैं। मुख्य रुप से कुत्ते वाहन चालकों को ही निशाने पर लेते हैं। वहीं लोगों से मिलि जानकारी के अनुसार जब भी वे रात के समय घर आते हैं या कहीं जाते हैं तो कुत्तों घात लगा कर बैठे होते हैं औऱ फिर गाड़ीयों के पीछे भागने लगते हैं जो की कुत्तों के लिए एक खेल न हो कर उनकी आक्रमकता होती है। इसके अलावा इन आवारा कुत्तों के कारण बच्चे भी सुरक्षित नहीं है| ऐसे कई मामले अब तक सामने आ छुए हैं, जब कुत्तों ने बच्चों को शिकार बनाया है| इन सब घटनाओं के बाद भी आवारा कुत्तों को पकड़ने में नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर पाया| 


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