भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज (Retirement Age) में वृद्धि पर प्रस्ताव पर विचार शुरू होने से पहले ही विरोध शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रिटायरमेंट एज बढाकर 65 वर्ष किये जाने की मांग के साथ लिखे गए पत्र के विरोध में अब कर्मचारी संगठन खड़े हो गए हैं।
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने अधिकारियों और कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज बढाकर 65 वर्ष किये जाने की मांग का विरोध शुरू कर दिया है। संघ के भोपाल जिला अध्यक्ष मोहन अय्यर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है। कर्मचारी नेता ने पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश में पहले बेरोजगारी है कई वर्षों से भर्ती नहीं हुई है।
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पढ़े लिखे युवा नौकरी की तलाश में हैं ऐसे में यदि रिटायरमेंट एज में वृद्धि होती है तो बेरोजगारी और बढ़ जाएगी। कर्मचारी नेता ने पत्र में लिखा कि यदि कर्मचारियों की सेवानिवृति आयु बढ़ती है तो सरकार पर भी आर्थिक बोझ बढ़ेगा क्योंकि सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों को बढे हुए वेतन के हिसाब से भुगतान करना होगा जबकि नई भर्ती काम वेतन पर होगी।
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कर्मचारी नेता ने लिखा कि रिटायरमेंट एज 62 से 65 वर्ष करने पर विचार करने से अच्छा है कि सरकार नई भर्ती कर बेरोजगारों का भविष्य संवारे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने रिटायरमेंट एज को बढ़ाया तो तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ आंदोलन करने पर विवश होगा।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा (Ramesh Chandra Sharma, president of MP State Employees Welfare Committee) (राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पत्रों में की गई मांग का हवाला देते हुए एक पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि शासकीय विभागों में लगातार अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी होती जा रही है जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। इसलिए रिटायरमेंट एज बढाकर 62 से 65 वर्ष कर देनी चाहिए।