Haryana Employees Gratuity: हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है।कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब राज्य की हरियाणा सरकार ने ग्रेच्युटी की सीमा को बढ़ाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब कर्मचारियों को 25% ज्यादा यानी 25 लाख तक की ग्रेच्युटी मिल सकेगी।यह वृद्धि एक जनवरी 2025 से प्रभावी होगी।
दरअसल, दिसंबर अंत में सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 में संशोधन को मंजूरी देते हुए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25% बढ़ाने का फैसला किया था और अब इस संबंध में वित्त विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।इससे अलग-अलग विभागों में कार्यरत करीब 72 हजार कर्मियों को लाभ मिलेगा।
क्या लिखा है अधिसूचना में
- आदेश के तहत हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 में संशोधन को मंजूरी देते हुए ग्रेच्युटी में 25 प्रतिशत वृद्धि की है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल ने हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 के संशोधन को मंजूरी दी गई है।
- ये नियम हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) संशोधन नियम 2024 कहा जायेगा और एक जनवरी 2024 से लागू रहेगा। हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2016 के नियम में ‘बीस लाख रुपये’ शब्दों के स्थान पर, ‘पच्चीस लाख रुपये’ शब्द प्रतिस्थापित किए जाएंगे। इस संशोधन के बाद एक जनवरी 2024 के बाद सेवा निवृत हुए हरियाणा सिविल सेवा के कर्मचारियों को इस संशोधित ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।
जानिए क्या होता है ग्रेच्युटी
- ग्रेच्युटी, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रिटायरमेंट पर दिया जाने वाला एक लाभ है। किसी भी कंपनी में लगातार 5 साल काम करने पर कर्मचारी को ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है।
- अपने पद से त्यागपत्र देने पर या सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद कर्मचारियों को ग्रेच्युटी आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाती है।
- सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता मिलेगी, ताकि भविष्य में उन्हें किसी समस्या का सामना ना करना पड़े।
- पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत जिस भी कंपनी में 10 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं उसे अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ देना होता है।
- आमतौर पर यह पैसा तब मिलता है जब वो कर्मचारी नौकरी छोड़ता है या फिर वह रिटायर होता है।
- कंपनी में कार्य करते समय अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो ग्रेच्युटी की रकम नॉमिनी को मिलती है। यहां 5 साल का नियम लागू नहीं होता है।