मकर संक्रांति पर इंदौर पुलिस वाहन चालकों को तिल गुड़ के लड्डू खिलाकर करा रही मुंह मीठा, जानें इसकी वजह

इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने पलासिया चौराहे पर वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी में वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने वाले  सीट बेल्ट लगाने वाले चालकों को लड्डू खिलाकर मुँह मीठा कराया।

Atul Saxena
Published on -

Makar Sankranti, Indore Police : मकर संक्रांति का पर्व इंदौर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है कलेक्टर द्वारा आज पूरे दिन के लिए अवकाश घोषित किये जाने से लोग उत्साह और उमंग के साथ इसे मना रहे हैं उधर  इंदौर पुलिस ने भी आज यातायात सुधार को लेकर विशेष पहल की और लोगों को तिल गुड़ के लड्डू खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया।

यातायात के नियमों का पालन कराने और यातायात में सुधार लाने के लिए इंदौर पुलिस कई तरह के प्रयोग करती रहती है, इसके तहत जागरूकता कार्यक्रम, जागरूकता रैलियां और सड़क सुरक्षा सप्ताह जैसे कार्यक्रम शामिल हैं इसके अलावा इंदौर पुलिस विशेष अवसरों पर अलग तरह की पहल करती है।

यातायात नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों को खिलाये तिल गुड़ के लड्डू

मकर संक्रांति के विशेष अवसर पर इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों का तिल गुड़ के लड्डू खिलाकर मुँह मीठा कराया, ट्रैफिक के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ साथ ट्रैफिक के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।

पुलिस के साथ यमराज और चित्रगुप्त वेशभूषा पहने युवक भी

इंदौर ट्रैफिक पुलिस ने पलासिया चौराहे पर वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी में वाहन चलाते समय हेलमेट लगाने वाले  सीट बेल्ट लगाने वाले चालकों को लड्डू खिलाकर मुँह मीठा कराया। साथ ही ऐसे चालको को समझाइश दी जिन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट नहीं  लगाया था, पुलिस के साथ यमराज और चित्रगुप्त वेशभूषा पहने युवक भी थे।

पुलिस ने दिया ये सन्देश 

एडिशनल पुलिस कमिश्नर मनोज श्रीवास्तव ने कहा जीवन अमूल्य है, इसलिए सड़क पर वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षित रहें, उन्होंने कहा हमने नियमों का पालन करने वाले वाहन चालकों का मुंह मीठा कराया है, साथ में यमराज और चित्रगुप्त को लेकर चलने के सवाल उन्होंने कहा कि ये उन लोगों के लिए एक संकेत हैं जो अपने जीवन के साथ खिलवाड़ करते हैं जिससे वे सावधान रहें।

इंदौर से शकील अंसारी की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News