भोपाल, हरप्रीत कौर रीन। सोमवार को मध्य प्रदेश की सियासत में गांजा मुद्दा बन गया। गांजे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक लक्ष्मण सिंह और बीजेपी के प्रवक्ता डॉक्टर हितेश वाजपेई के बीच ट्विटर पर बहस हो गई। बीजेपी ने गांजे को लक्ष्मण सिंह द्वारा शिव बूटी बताए जाने पर आपत्ति जताई।
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सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया उन्होंने लिखा कि ‘गांजे को दुर्भावना वश धर्म से जुड़ा जा रहा है शिवबूटी का नाम लेकर। यही कारण है कि इसका सेवन अत्यधिक बढ़ता जा रहा है जिससे युवा बर्बाद हो रहे हैं। शास्त्रों के अनुसार शिव जी ने अमृत मंथन में विष पिया था, गांजा नहीं।” लक्ष्मण ने यह ट्वीट किस तारतम्य में किया, यह तो पता नहीं चला। लेकिन इसके पलटवार में डॉक्टर हितेश वाजपेई ने गांजे की केमीकली संरचना बता दी। वाजपेई ने लिखा कि ‘गांजे के पौधे में जो जो रसायन पाए जाते हैं वह है टेट्राहाइड्रोकेनाबिनाल यानि टीएचसी और कैनाबिडाल यानि सीबीडी। गांजे में नशा टीएचसी की मौजूदगी के कारण होता है। सीबीडी में नशे के कोई गुण नहीं है और इसके इस्तेमाल से किसी को नशे की लत नहीं लगती।” जवाब में लक्ष्मण सिंह ने यह लिखकर विवाद का अंत कर दिया “आप बहुत ज्ञानी हैं। मैं आपका मुकाबला नहीं कर सकता।” लेकिन बीजेपी को आपत्ति इस बात को लेकर थी कि आखिरकार लक्ष्मण सिंह ने इसे शिव बूटी क्यों कहा और उसे लेकर सोशल मीडिया पर लंबे समय तक विवाद चलता रहा।