इस दीपावली खाईये सुतली बम, अनार, चकरी और रॉकेट, मुंह में फोड़िये स्वाद के पटाखे

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। दीपावली का नाम आते ही पटाखे (fire crackers) खुद-ब-खुद दिमाग में आ जाते हैं। क्योंकि पटाखों को भी दीवाली का पर्याय माना जाता है। हालांकि हम सभी जानते हैं कि पटाखे जलाने से पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है, लेकिन अगर हम कहें कि इस बार पटाखों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि ये आपके स्वाद में इज़ाफा करेंगे, तो आप यकीनन ताज्जुब में पड़ जाएंगे।

आखिर ऐसे कौन से पटाखे हैं जिन्हें फोड़ा नहीं खाया जा सकता है और जिनसे पॉल्युशन नहीं फैलता बल्कि स्वाद फैलता है। दरअसल जिन पटाखों की हम बात कर रहे हैं उनको जलाना नहीं बल्कि खाना हैं। इस दीवाली पर मार्केट में पटाखा चॉकलेट आई है। यह चॉकलेट बिल्कुल पटाखे के आकार-प्रकार की है। इन चॉकलेट्स की सूरत में आपको अनार बम, चकरी बम, सुतली बम, रॉकेट के साथ और भी तमाम तरह के पटाखे मिलेंगे। खास बात यह है कि चॉकलेट बम एकदम हाइजीनिक तरीके से बनाए जाते हैं।

चिल्ली फ्लेक्स ओर सौंफ फ्लेवर चॉकलेट भी है उपलब्ध

बीते 5 सालों से कोलार में रहने वाली मनीषा अपने घर में अलग तरीके की और अलग फ्लेवर की चॉकलेट्स बना रही हैं। अब जबकि इस बार दिवाली कोरोना वाली दिवाली होने वाली है तो ऐसे में मनीषा ने सोचा कि क्यों न इसे कुछ खास बनाया जाए। इसीलिए उन्होने ये चॉकलेस्ट बनाई जिससे लोग इंजॉय कर सकें और पॉल्युशन भी ना फैले। अच्छी बात यह है कि इन चॉकलेट बम में हमें इतने अलग अलग तरीके के फ्लेवर खाने को मिलेंगे जो पहले आपने शायद कभी सुने भी न हों। इनके पास आपको चिल्ली फ्लेक्स, सौंफ, दालचीनी, पान, राजभोग जैसे कई डिफरेंट फ्लेवर के साथ पटाखा चॉकलेट्स मिलेंगी। तो फिर सोचना क्या है, आज ही अपनी दिवाली को स्वादिष्ट बनाने के लिए इन पटाखा चॉकलेट्स को आर्डर कर दीजिये।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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