अतिथि विद्वानों ने कहा, क्या सरकार अतिथि ही बनाकर रखना चाहती है

Amit Sengar
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Bhopal News : उच्च शिक्षा सतपुड़ा भवन भोपाल ने अतिथि विद्वान आमंत्रण प्रक्रिया 2023-24 की तृतीय समय सारणी का कैलेंडर जारी कर दिया है। इसके आधार पर जो अतिथि विद्वान लगातार सेवा देते आ रहे हैं उनकी प्रोफाइल अपडेट करने के लिए 19 जनवरी से 24 जनवरी तक का समय दिया गया है।

बता दें कि आवंटन 25 जनवरी एवं ज्वाइनिंग की जानकारी समस्त प्राचार्य 25 जनवरी से 31 जनवरी तक पोर्टल में दर्ज़ कराएंगे। बड़ी बात ये है कि इसमें स्थांतरण चाहने वाले अतिथि विद्वानों के साथ ही नए आवेदक भी शामिल किए जा रहे हैं। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार अतिथि विद्वानों की कैटेगिरी को भी समाप्त कर दिया है।

जैसा विदित हो कि अतिथि विद्वान लगातार अतिथि विद्वान नाम से अतिथि नाम हटाने एवं भाजपा सरकार द्वारा महापंचायत में की गई घोषणा को पूरी करवाने के लिए प्रयासरत हैं।

अतिथि विद्वान महासंघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय ने कहा कि कार्यरत अतिथि विद्वानों के स्थानांतरण के साथ ही नए आवेदकों की च्वाइस फिलिंग करवाना एवं लिस्ट एक साथ जारी करना समझ से परे है। इससे स्थानांतरण का लाभ अतिथि विद्वानों को नहीं मिल पाएगा। उच्च शिक्षा विभाग कार्यरत अतिथि विद्वानों का अलग से लिस्ट जारी करते और बची हुई सीटों में विज्ञापन करते तो ज्यादा सही रहता। साथ ही विभाग व सरकार को 50 हज़ार फिक्स वेतन, 65 वर्ष तक स्थाई करने की जो घोषणा हुई थी उसको अमल में लेते हुए संशोधित आदेश करना चाहिए। जिससे अतिथि विद्वानों की समस्या का समाधान किया जा सके।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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