भोपाल| भोपाल में 40 दिनों से चल रहे प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के आंदोलन व धरना को अब राजनीतिक दलों का समर्थन मिल रहा है| ख़ास बात यह है कि अब तक भाजपा नेता अतिथि विद्वानों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस के विधायक भी खुलकर उनका साथ दे रहे हैं| शनिवार को मनावर से कांग्रेस विधायक और जयस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरालाल अलावा अतिथि विद्वानों को समर्थन करने शाहजहांनी पार्क पहुंचे| वहीं चाचौड़ा के कांग्रेस विधायक व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह तथा भिंड के मेहगांव से विधायक ओपीएस भदौरिया भी धरना स्थल पहुंचे| इसके अलावा समाजवादी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गौरी सिंह यादव भी पहुंचे|
जयस अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने कहा कि अतिथि विद्वानों की मांगें जायज़ हैं। वह पिछले कई वर्षों से प्रदेश की उच्च शिक्षा की सेवा करते आए हैं। इस दौरान उनकी युवावस्था का बहुमूल्य समय पढ़ाने में गुजर गया और कई अतिथि विद्वान इस दौरान ओवर ऐज हो चुके है। ऐसी स्थिति में उनके भविष्य की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी ने अपने वचनपत्र में अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वचन भी दिया है। इसलिए इसको पूरा करना चाहिए| उन्होंने आगे कहा मुख्यमंत्री कमलनाथ वचन पत्र एवं अतिथि विद्वानों की मुद्दे पर गंभीर हैं, इसलिए उम्मीद करते हैं कि जल्द ही अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा। यदि ऐसा नही होता है तो जयस स्वयं इस आंदोलन में अतिथि विद्वानों के साथ बैठेगा।
कांग्रेस विधायक लक्षमण सिंह ने अतिथिविद्वानों को संबोधित करते हुए कहा कि जल्द मैं महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्रीजी से अतिथिविद्वानों को मिलने का समय दिलवाऊंगा व प्रमुखता से अतिथिविद्वानो में नियमितीकरण का मुद्दा सरकार के समक्ष रखूंगा। वही विधायक ओपीएस भदौरिया ने कहा कि अतिथिविद्वानों की मांगें न्यायसंगत है। यदि मैं उच्च शिक्षा मंत्री होता तो पहली फ़ाइल जिस पर मैं हस्ताक्षर करता वह अतिथिविद्वानो के नियमितीकरण की होती।
अतिथि विद्वानों का विधानसभा में उठा था| विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान सदन में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के बीच अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर तीखी नोक झोंक हुई। यहां तक कि नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पर अतिथिविद्वानो के मुद्दे पर गोल मोल जवाब देने का आरोप लगाते हुए अपनी पार्टी के विधायकों के साथ सदन से वाक आउट किया।