सूअरों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, दरिंदा घोषित करने की मांग

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अब तक आपने लोगों को कई अलग अलग मसलों को लेकर अदालत का रूख करते देखा होगा, लेकिन आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो सुनकर आप यकीनन चौंक जाएंगे। केरल में कुछ लोग सूअरों के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए हैं।

दरअसल इन जंगली सूअरों (wild boar) ने किसानों (farmers) को बुरी तरह परेशान कर रखा है। ये उनकी खड़ी फसलों को नष्ट कर देते हैं लेकिन वन्यजीव कानून के कारण किसान सूअरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। इसी कारण अब किसानों के एक समूह ने केरल हाईकोर्ट (Kerala High court) की शरण ली है। उन्होने मांग की है कि जंगली सूअरों को दरिंदा घोषित किया जाए जिससे वे अपनी फसलों की रक्षा कर सकें। ये याचिका छह किसानों द्वारा दाखिल की गई है जो कि कोझीकोड जिले के पूर्वी क्षेत्रों से आते हैं। अपनी याचिका में किसानों ने मांग की है कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 62 के तहत जंगली सुअरों को दरिंदा घोषित किया जाए। फिलहाल की स्थिति में वन्यजीव संरक्षण कानून की दूसरी अनुसूची के तहत जंगली सुअरों को जंगली जानवर की मान्यता प्राप्त है। इसी कारण सजा के भय से किसान इन सूअरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं और सुअर लगातार इनकी फसलों को नष्ट कर रहे हैं। अगर हाईकोर्ट इनकी मांग मानते हुए सूअरों को दरिंदा घोषित कर देती है तो फिर किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए सूअरों को भगाने के लिए उन्हें दंडित कर सकते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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