भोपाल| मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले आये एग्जिट पोल के नतीजों ने प्रत्याशियों की जहां धड़कनें बढ़ा दी हैं, वहीं जोड़ तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गई है| तमाम एग्जिट पोल में बीजेपी और कांग्रेस जादुई आंकड़े के करीब हैं, हालंकि कुछ सर्वे में कांग्रेस को जीत मिलती दिख रही है| अगर बहुमत के आंकड़े के करीब ही दोनों ही पार्टियां रहती हैं तो निर्दलीय और अन्य पार्टियां किंगमेकर साबित होगी | ऐसी स्तिथि में सवाल खड़ा हो रहा है क्या बसपा के साथ न आने से कांग्रेस को नुकसान हुआ है या नहीं और अगर बसपा के खाते में कुछ सीटें जाती है तो इस स्तिथि में कांग्रेस क्या रणनीति बनाएगी|
इंडिया टुडे और एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है| इंडिया टुडे एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 104 से 122 सीटें और बीजेपी को भी 102 से 120 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि बसपा को 3 और अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है| वहीं वोट शेयर में भी दोनों के बीच मामूली अंतर दिख रहा है| कांग्रेस को 41% और बीजेपी को 40% वोट मिल सकते हैं| बसपा के 4 फीसदी और अन्य को 15 फीसदी वोट मिल सकता है| ऐसे में अगर कांग्रेस और बसपा मिलकर चुनाव लड़ते तो वोट फीसदी जहां 45 फीसदी होता तो सीटों में बड़ा इजाफा हो सकता था|
कांग्रेस-बसपा के बीच चुनाव से पहले गठबंधन की बातें चल रही थी| लेकिन अंतिम समय में दोनों के बीच बातचीत फेल हो गई और बीजेपी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस अकेले ही चुनाव लड़ी| बल्कि बसपा प्रमुख मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गठबंधन न होने के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार ठहराया| कई सीटों पर बसपा का अच्छा खासा प्रभाव है और यहां उसके प्रत्याशी जीत भी दर्ज करते दिखाई दे रहे हैं| अगर यह गठबंधन होता तो कांग्रेस की स्तिथि ज्यादा मजबूत होती| वहीं अगर स्पष्ट बहुमत ना आने पर अब सवाल भी खड़ा हो रहा है क्या बसपा कांग्रेस के साथ आएगी|