IRCTC : MP से इस दिन जाएगी तीर्थ दर्शन स्पेशल ट्रेन, सीएम शिवराज यात्रियों को करेंगे रवाना

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार(Shivraj Government) ने एक बार फिर मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना (Chief Minister Tirth Darshan Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत पहली ट्रेन 19 अप्रैल को भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से दिन में रवाना होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) इस दिन स्टेशन पहुंचकर बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों से भेंट करेंगे और उन्हें रवाना करेंगे। सीएम शिवराज ने शनिवार को तीर्थ दर्शन स्पेशल ट्रेन (Tirth Darshan Special Train) की तैयारियों की समीक्षा की। योजना के संचालन के लिए आईआरसीटीसी (IRCTC) को एजेंसी बनाया गया है।

IRCTC : MP से इस दिन जाएगी तीर्थ दर्शन स्पेशल ट्रेन, सीएम शिवराज यात्रियों को करेंगे रवाना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अपने निवास पर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तीर्थ दर्शन योजना की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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सीएम शिवराज ने कहा कि बुजुर्गों के जीवन काल में एक बार किसी बड़े तीर्थ-स्थान की यात्रा के स्वप्न को मध्य प्रदेश सरकार ने साकार करने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना को पूरी तैयारियों के साथ फिर प्रारंभ किया जा रहा है। संबंधित विभाग और एजेंसियाँ तीर्थ-यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित करें।

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मुख्यमंत्री  ने कहा कि वे स्वयं 19 अप्रैल को दोपहर दो बजे रवाना हो रही स्पेशल ट्रेन के तीर्थ-यात्रियों से भेंट करने पहुँचेंगे। इन यात्रियों को वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ संत रविदास और संत कबीर दास के जन्म स्थल के दर्शन भी करवाए जाएंगे। तीर्थ-यात्रियों की वापसी 22 अप्रैल को होगी।

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सीएम शिवराज ने तैयारियों की जानकारी ली और तीर्थ-यात्रियों की सुविधाओं एवं यात्रा अवधि में भोजन, तीर्थ-स्थल पर रहने-खाने की समुचित व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तीर्थ-दर्शन योजना को प्रारंभ कर मध्य प्रदेश, देश में अलग स्थान बना चुका है। बुजुर्ग लोगों का आशीर्वाद राज्य सरकार को मिला है। कोरोना काल के बाद योजना फिर प्रारंभ हो रही है।

ऐसा रहेगा कार्यक्रम 

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पहली यात्रा भोपाल से 19 अप्रैल दोपहर को रवाना होकर 20 अप्रैल की सुबह उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुँचेगी और 20 एवं 21 अप्रैल को तीर्थ-यात्री भगवान विश्वनाथ के दर्शन कर गंगा आरती में भी शामिल होंगे। तीर्थ-यात्री 22 अप्रैल को मध्य प्रदेश वापस लौटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थ-यात्रियों को लौटने पर भगवान विश्वनाथ का स्मृति-चिन्ह भेंट किया जाए।

यात्रियों के मनोरंजन के लिए भजन मंडली भी जाएगी

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में भोपाल संभाग के चार जिले और सागर संभाग के तीन जिलों के यात्री शामिल होंगे। एक विशेष व्यवस्था यह की गई है कि ट्रेन में भजन मंडली भी रहेगी। भजन मंडली के सदस्य यात्रा के दौरान समयानुकूल भजन गाते रहेंगे।

ढोल नगाड़ों से होगा यात्रियों का स्वागत

यात्रा 19 अप्रैल को स्पेशल ट्रेन से रानी कमलापति स्टेशन से प्रारंभ होगी। सागर स्टेशन होते हुए ट्रेन 20 अप्रैल की प्रात: 6 बजे वाराणसी पहुँचेगी। स्टेशन पर तीर्थ- यात्रियों का स्वागत ढोल-नगाड़ों से किया जाएगा। साथ ही तीर्थ-यात्रियों को तुलसी की माला पहनाई जाएगी। तीर्थ-यात्रा पर जा रहे यात्रियों के लिए रानी कमलापति स्टेशन पर स्वल्पाहार की व्यवस्‍था रहेगी। फूलों से सजी ट्रेन में तीर्थ-यात्री निर्धारित सीट पर बैठेंगे। भोपाल सहित विदिशा, सीहोर और रायसेन जिलों के तीर्थ-यात्री रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होंगे। वाराणसी से 21 अप्रैल की शाम 6:30 बजे वाराणसी से वापस रवाना होंगे। तीर्थ-यात्रियों की वापसी 22 अप्रैल की प्रात: 7:30 बजे सागर और पूर्वान्ह 11 बजे रानी कमलापति स्टेशन पर होगी।

IRCTC को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी 

योजना के संचालन के लिए आईआरसीटीसी (IRCTC) को एजेंसी बनाया गया है। तीर्थ-यात्रियों की सुविधा का जिम्मा भी आईआरसीटीसी का ही है। तीर्थ-यात्रियों की पंजीयन प्रक्रिया को पूर्णत: पारदर्शी और ऑन लाइन करने के लिए मैप आईटी एक पोर्टल भी बना रहा है। ट्रेन के टूर पैकेज में ऑन बोर्ड एवं ऑफ बोर्ड पर भोजन, सड़क परिवहन, बजट, आवास, टूर एस्कार्ट्स भी शामिल हैं। तीर्थ-यात्रियों को सुबह और शाम की चाय और यात्रा के दौरान फलाहार भी करवाया जाता है। राज्य शासन द्वारा एक चिकित्सक और सहायक के साथ औषधियों की व्यवस्था भी ट्रेन में की जाती है। सुरक्षा के लिए रेलवे के सुरक्षा बल के साथ ही राज्य सरकार अपने सुरक्षाकर्मी भी भेजती है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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