भोपाल।
जिस कर्जमाफी का वादा कर कांग्रेस ने अपना 15 सालों का वनवास खत्म किया था और सत्ता में आई थी अब वही लोकसभा चुनाव से पहले सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शपथ लेने के बाद भले ही किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर साइन कर दिए हो।लेकिन फंड की कमी के चलते सरकार अब तक किसानों का कर्जा माफ नही कर पाई है। जिसके चलते अब किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश पनपने लगा है, हालांकि लगातार किसानों से फॉर्म भरवाए जा रहे है, कर्जमाफी की प्रक्रिया प्रदेश में चल रही है, लेकिन बैंकों में पैसा ना होने के कारण किसानों के खाते में नही पहुंच पा रहा है।ऐसे में लोकसभा चुनाव से पहले किसानों की कर्जमाफी होना संभव होता नही नजर आ रहा है। इस बात के खुद कमलनाथ के मंत्री ने संकेत दिए है।
दरअसल, आज मीडिया से चर्चा करने के दौरान कमलनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने बड़ा बयान दिया है। गोविंद सिंह ने कहा है कि अब तक सरकार 22लाख किसानों को ऋण मुक्ति के प्रमाण पत्र दे चुकी है। राष्ट्रीय कृत बैंकों को राज्य सरकार द्वारा पैसा देने के बाद किसानों का कर्जा माफ होगा । फिलहाल सहकारी बैंकों को पैसा दिया जा रहा है। साल भर के अंदर सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों के खातों में सीधा पैसा जाने की व्यवस्था होगी।मंत्री के बयान से साफ हो गया है कि फिलहाल सरकार के पास पैसा नही है, जिससे कर्जमाफी संभव हो सके। इसका सीधा मतलब है कि कर्जमाफी अब लोकसभा चुनाव के बाद ही होगी। चुंकी अगले हफ्ते से आचार संहिता लगने वाली है, जिसके बाद कोई काम नही हो सकेंगें और मामला चुनाव के बाद तक टाल दिया जाएगा।ऐसे में सरकार की ये देरी किसानों में आक्रोश पैदा कर सकती है जिसका हर्जाना आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। इसी वादे को लेकर कांग्रेस सालों से प्रदेश पर राज कर रही भाजपा को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब हुई थी। यहां तक कि इस कर्जमाफी के फैसले के बाद देशभर में कांग्रेस की फिर से चर्चा होने लगी थी और इसका असर भी प्रदेश में देखने को मिला है।
बता दे कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी मध्यप्रदेश के दौरे पर थे और उन्होंने मंच से ऐलान किया था कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो दस दिन में किसानो का दो लाख रुपए कर्जा माफ कर दिया जाएगा, अगर ऐसा नही हुआ तो दस दिन में सीएम बदल देंगें। लेकिन प्रदेश में सरकार बने हुए दो महिने से ज्यादा हो चुके है लेकिन अब तक किसानों के खाते में पैसा नही पहुंचा है, हालांकि प्रक्रिया जारी है, किसानों से बकायदा फॉर्म भरवाए जा रहे है। लेकिन अब राजस्व की कमी के चलते लोकसभा चुनाव से पहले किसानों का कर्जा माफ करना सरकार के सामने चुनौती बन गया है।ऐसे में सरकार बैंकों का हवाला देकर चुनाव के बाद कर्ज माफ करने की तैयारी में है।