भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार भारी आर्थिक संकट से जूझ रही है। सरकार ने वादा किया था कि वह राज्य कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) पांच फीसदी बढ़ाएगी। लेकिन अब सरकार के सामने वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। अगर सरकार प्रदेश के कर्मचारियों का पांच फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला करती है तो हर माह 228.75 करोड़ रु., जबकि सालाना 2745 करोड़ रु. का अतिरिक्त भार आएगा।
दरअसल, सरकार किसान कर्ज़ माफी के लिए फंड का इंतजाम करने में लगी है। इधर जीएम बढ़ाने के लिए सरकार फरवरी में पेश होने वाले बजट में डीए पर खर्च होने वाली राशि का प्रावधान करने जा रही है। जिसके बाद नए वित्तीय वर्ष अप्रैल से कर्मचारियों को भत्ता मिलने की उम्मीद है। इसे सरकार सीधे कर्मचारियों के जीपीएफ अकाउंट में डालने की तैयारी कर रही है।
अभी केंद्र से 5 फीसदी पीछे
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को अभी 17 फीसदी डीए दे रही है, जबकि प्रदेश सरकार 12 फीसदी। केंद्र इसी महीने डीए 5% और बढ़ा सकता है, तब यह अंतर 10 फीसदी हो जाएगा। इस अंतर को पाटने के लिए राज्य सरकार को हर महीने 500 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। जुलाई 2019 में केंद्र ने अपने कर्मचारियों को पांच फीसदी डीए दिया था, जबकि राज्य सरकार अपने करीब 7 लाख कर्मचारियों और 4.50 लाख पेंशनर्स को डीए नहीं दे पाई है।