ऋषि कुमार शुक्ला मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं. सीबीआई में उनका कार्यकाल 31 अगस्त 2020 तक है. शुक्ला को मेहनती, ईमानदार और बेदाग छवि का अफसर माना जाता है| बीकॉम तक पढ़ाई करने के बाद 1983 में वे भारतीय पुलिस सेवा में आए थे| उनका जन्म 23 अगस्त 1960 में हुआ था. प्रशिक्षण के बाद शुक्ला की पहली पद स्थापना 1985 में अविभाजित मध्य प्रदेश के रायपुर जिले में सीएसपी के तौर पर की गई थी. उसके बाद वे एएसपी शिवपुरी बनाए गए थे. वर्ष 1987 में उन्हें जिले की कमान सौंपी गई थी. एसपी के तौर पर उनकी पहली पद स्थापना दमोह जिले में की गई थी. उसके बाद वे एसपी शिवपुरी, एसपी मंदसौर और एसपी पीटीएस इंदौर रहे हैं|
शुक्ला वर्ष 1992 से 1996 तक केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर थे| लौटने के बाद उन्हें एआईजी प्रशासन और डीआईजी सुरक्षा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई थी| वर्ष 2004 में वे एक बार फिर प्रतिनियुक्ति में चले गए थे और 2007 में वापस आए थे. प्रतिनियुक्ति के दौरान वे सीबीआई में पदस्थ थे| उनकी पदस्थापना भोपाल में आईजी सीबीआई के तौर पर थी| प्रदेश वापसी के बाद आईजी एसएएफ भोपाल, आईजी सुरक्षा और आईजी एसटीएफ के पद पर रहे हैं. उसके बाद एडीजी रेल, एडीजी इंटेलीजेंस, एडीजी एसएएफ, डीजी होमगार्ड और अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के पद पर पदस्थ रहे हैं. वर्ष 2009 से 2012 तक वे एडीजी इंटेलीजेंस के पद पर रहे हैं| उन्हें जून 2016 में प्रदेश का डीजीपी बनाया गया था और उन्होंने डीजीपी सुरेंद्र सिंह के रिटायरमेंट के बाद यह कार्यभार संभाला था. इससे पहले वे मध्यप्रदेश पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में चेयरमैन के पद पर कार्य कर रहे थे| वरिष्ठता, अनुभव और काबिलियत को देखते हुए ऋषि कुमार शुक्ला को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है, अब तक के कार्यकाल में वे अपने काम के साथ न्याय करते आये हैं आगे भी उनके सामने चुनौती होंगी, जिनसे निपटने में शुक्ल माहिर हैं|