भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के तीसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया जिसके बाद सदन प्रश्न काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया, इसके बाद फिर जब कार्यवाही शुरू हुई तो पोषण आहार मामलें को लेकर हंगामा शुरू हो गया, इस बीच अनुपूरक बजट पेश किया गया। सरकार के 7 मंत्रियों ने अपने विभागीय पत्र को पटल पर रखाा। कार्यवाही के बीच में ही कांग्रेस विधायक लगातार हंगामा मचाते रहे और आसंदी के पास पहुँच गए, हंगामे के बीच 9 हजार 5 सौ 39 करोड़ 3 लाख 70 हजार 300 रुपए का अनुपूरक बजट पास हुआ। इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 13 से 17 सितंबर तक चलना था।
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यही गुरुवार को सदन की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक पांचलीलाल मेढ़ा और बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने एक दूसरे से जान का खतरा बताया और सुरक्षा की मांग की। मेढ़ा ने विधानसभा में अपना कुर्ता भी फाड़ा दिया। मेढ़ा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वह पोषण आहार, कारम डेम का मुद्दा सदन में उठा रहे है इसलिए उनकी जान को खतरा है। उनको सुरक्षा दी जाए या फिर पीएसओ को भी छिन लिया जाए। उन्होंने कहा कि यदि मेरी विधानसभा में सुनवाई नहीं हुई तो राज्यपाल के पास जाऊंगा। मेढ़ा मीडिया से बात करते हुए रोने भी लगे। वहीं, उमाकांत शर्मा ने भी विधानसभा अध्यक्ष से अपनी सुरक्षा की मांग की।
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वही सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना भी दिया, कांग्रेस विधायकों का आरोप है, कि प्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहा है। विधायक जीतू पटवारी, कुणाल चौधरी, पांचीलाल मेढ़ा समेत अन्य विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गेट नंबर 3 पर प्रदर्शन के बाद विधायक सदन में चले गए। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे है, बीजेपी की सरकार में लगातार आदिवासियों के साथ अन्याय, अत्याचार हो रहा है,आदिवासियों की मूल संस्कृति को छेड़ने का काम किया जा रहा है, नेमावर में नाबालिग बच्चियों को बलात्कार करने के बाद 10 फिट गड्ढे में गाड़ा गया, सिवनी में आदिवासियों को घर से निकाल कर मारपीट की गई, नीमच में गाड़ी के पीछे बांधकर गया घसीटा, विश्व आदिवासी दिवस पर लटेरी में सरकार की गोली लगने से आदिवासी की मौत हो गई।
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यही सदन की कार्यवाही शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पोषण आहार का मुद्दा उठाया और चर्चा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन में चर्चा के लिए अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विरोध जताया। इस बीच कांग्रेसी विधायकों ने आदिवासियों के साथ अत्याचार के मुद्दे पर नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेसी चर्चा कराने पर अड़े रहे। अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल हो जाने दीजिए। लेकिन हंगामा होने के चलते सदन की कार्रवाई कुछ देर के लिए स्थगित कर दी। हालांकि कुछ देर बाद ही विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।