भोपाल।
केन्द्र की मोदी सरकार ने अपना दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश कर दिया है। बजट पेश होने के बाद सबसे बड़ा झटका मध्यप्रदेश को लगा है। बजट में केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के हिस्से से 14 हजार 233 करोड़ रुपए कटौती कर दी है, जो अब तक की सबसे ज्यादा कटौती बताई जा रही है।माना जा रहा है कि इसका असर मार्च-अप्रैल में आने वाले मध्य प्रदेश के बजट पर पड़ेगा।क्योंकि कटौती उस वक्त की गई है जब कर्जमाफी का दूसरा चरण शुरु होने वाला है, हालांकि राज्य सरकार इस कटौती की भरपाई केंद्र के अंशदान से चलने वाली योजनाओं की राशि में कटौती करके कर सकती है।जिसके तहत कुछ योजनाएं बंद भी की जा सकती हैं।
केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्यों के हिस्से में भारी कटौती कर दी। चालू वित्तीय वर्ष में इन करों में मप्र को 14 हजार 233 करोड़ रुपए कम मिलेंगे। इसके अलावा अगले वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय करों का हिस्सा एक फीसदी कम कर दिया गया है। अभी तक यह 42 फीसदी था, जो अगले वित्तीय वर्ष के लिए 41 फीसदी होगा। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीधे तौर पर 11 हजार 556 करोड़ राशि और कम मिलेगी। पिछले बजट में ही केंद्र सरकार ने 2677 करोड़ रुपए कम कर दिए थे। इस वित्त वर्ष के अब बचे हुए दो माह फरवरी और मार्च से पहले उन्होंने बड़ी राशि और घटा दी। इस कटौती का सीधा असर राज्य में चल रहीं राजस्व योजनाओं पर पड़ना तय है।
राज्य पर असर
राज्य के हिस्से में हुई राजस्व कटौती से खासतौर पर किसानों की कर्जमाफी प्रभावित होगी, क्योंकि इसका दूसरा चरण राज्य सरकार ने प्रारंभ कर दिया है। इस चरण में 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक कर्ज माफ होना है। इसमें करीब 4500 करोड़ रुपए की जरूरत है। इसके अलावा स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, अमृत, पोषण आहार कार्यक्रम और आंगनबाड़ी सेवाओं आदि में राज्यांश देने के लिए मप्र को नए विकल्प देखने होंगे।
कटौती से प्रदेश का बजट गड़बड़ाया
केन्द्र की इस कटौती से राज्य सरकार का बजट गड़बड़ा गया है। इसके पीछे कारण यह है कि राज्य को केंद्र से 63 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद थी, इसलिए राज्य सरकार द्वारा अबतक इस राशि को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया जा रहा था, लेकिन बजट के बाद प्रदेश को मिले झटके से सारे समीकरण बदल गए है ऐसे में बजट 1.75 लाख करोड़ रुपए के आसपास रहने की उम्मीद है।जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य सरकार ने 2.33 लाख करोड़ का बजट पारित किया था।
कमलनाथ ने सरकार को घेरा
इस पर सीएम कमलनाथ ने हमला बोला है।कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की केंद्रीय करो में मिलने वाले हिस्सेदारी में 11,556 करोड़ की कटौती पुनरीक्षित अनुमान में की गयी है , पिछली 2,677 करोड़ की कटौती मिलाकर यह 14,233 करोड़ कुल हो गयी है।प्रदेश के हितो के साथ यह कुठाराघात है। बेरोज़गारी दूर करने के लिये व युवाओं को रोज़गार देने का कोई ज़िक्र तक इस बजट में नहीं है।किसानो की आय दोगुनी के हमेशा की तरह एक बार फिर खोखले सपने इसमें दिखाये गये है। देश के विकास , प्रगति के रोडमैप का एवं गिरती अर्थव्यवस्था व महंगाई को रोकने की कार्ययोजना का पूरी तरह से अभाव इस बजट में नज़र आया है। नाथ ने आगे लिखा है कि देश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में बसता है , उसकी पूरी तरह से उपेक्षा इस बजट में की गयी है।।