CAA के पक्ष में BJP की रैली से अल्पसंख्यक मोर्चा दरकिनार, इस्तीफे का दौर शुरू

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भोपाल। सीएए और एनआरसी को लेकर जहां एक तरफ विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं, वहीं, भाजपा ने रविवार से इसके पक्ष और समर्थन में रैली की शुरूआत की है। 20 जनवरी तक लगातार चलाए जाने वाले इस अभियान की शुरूआत राजधानी के डिपो चौराहे से की गई है। बड़ी तादाद में भाजपा नेताओं की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम के दौरान पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा को अलग-थलग कर दिया गया है। इस उपेक्षा को लेकर मुस्लिम भाजपाईयों में नाराजगी पनपने लगी है और इसके विरोध में बरसों से भाजपा के साथ जुड़े मुस्लिम नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है।

प्रदेश के विभिन्न शहरों से भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा पदाधिकारियों के इस्तीफा देने की खबरें आ रही हैं। इसी बीच रविवार को राजधानी के पुराने मुस्लिम भाजपाई और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बालसखा अब्दुल हकीम कुरैशी ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। भाजपा सरकार में मसाजिद कमेटी के अध्यक्ष और मप्र मदरसा बोर्ड के सदस्य रहे कुरैशी ने रविवार को कहा कि भाजपा की जिन बेहतर नीतियों को देखकर वे पार्टी के साथ चले थे, वह नीतियां अब साम्प्रदायिक भेदभाव में बदल चुकी है। ऐसे में उन्हें पार्टी में अपना दम घुटता सा महसूस होने लगा है। पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान करते हुए उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि पार्टी की किसी खास मुहिम से अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को दूर रखकर इस बात का अहसास दिलाया जा रहा है कि मुस्लिम उनके साथी नहीं हैं या उनपर किसी बात का भरोसा पार्टी को नहीं रहा है।

कुछ और पदाधिकारी करेंगे किनारा

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कई मुस्लिम भाजपाईयों ने रविवार को बैठक कर पार्टी आयोजन में शरीक न किए जाने पर अपना विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि भाजपा अगर सच्ची है और किए गए संशोधन को सबके लिए मुनासिब और मुफीद मानती है तो फिर इसकी समझाइश का जिम्मा पार्टी के मुस्लिम कार्यकर्ताओं को क्यों नहीं देती। उन्होंने कहा कि पार्टी का अलग राग इस बात को जाहिर करता है कि भाजपा मुस्लिम विरोधी गतिविधियों की तरफ पूरी तरह से बढ़ चुकी है और उसे अब मुस्लिम कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और किसी शाखा की जरूरत नहीं है। बैठक मेंं तय किया गया है कि भाजपा के इस रवैये को लेकर अल्पसंख्यक मोर्चा के कई प्रदेश पदाधिकारी सामूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए जल्दी ही भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे।


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