शिव ‘राज’ की गलती मोहन ने सुधारी, भोपाल से हटेगा BRTS, कांग्रेस ने 2000 करोड़ के भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

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BHOPAL BRTS NEWS : भोपाल में मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बनी। जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में बीआरटीएस के कारण यातायात में उत्पन्न हो रही विभिन्न दिक्कतों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसके बाद यह सहमति बनी। लेकिन वही इसे लेकर आरोपों का दौर शुरू हो गया है, दरअसल पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने आरोप लगाए है कि भोपाल बीआरटीएस में 2000 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है, पारस सकलेचा ने सवाल पूछे है कि क्या मुख्यमंत्री इसको बंद करने के कारण बताएंगे तथा इसमें जो भ्रष्टाचार हुआ है, उसकी जांच करवा कर जिम्मेदार को सजा दिलाएंगे, वही सकलेचा ने इंदौर के BRTS पर भी प्रश्नचिन्ह लगाए है, उन्होंने पूछा है कि इंदौर का बीआरटीएस क्यो नही हटाया जाएगा, वही भोपाल बीआरटीएस को बंद करने के क्या कारण है , इसको मुख्यमंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिए, क्योंकि इसमें शासन के अभी तक 2000 करोड़ से अधिक की राशि का गोलमाल हुआ है।

शुरू से ही प्रोजेक्ट का विरोध 

पारस सकलेचा ने कहा कि प्रोजेक्ट के प्रारंभ में ही प्राक्करण समिति में मेरे द्वारा इसका काफी विरोध किया गया था और यह बताया गया था कि उस वक्त देश में प्रारंभ किए गए 25 बीआरटीएस प्रोजेक्ट में से 23 बुरी तरह से असफल होकर बंद हो गए थे। इस प्रोजेक्ट में दिल्ली से लेकर भोपाल तक भ्रष्टाचार हुआ। जिन आंकड़ों के आधार पर इस प्रोजेक्ट को बनाया गया , धरातल पर 20% भी सही नहीं रहे । प्रोजेक्टेड यात्री की 25% ही संख्या हुई। मुख्यमंत्री से अनुरोध है की इंदौर के बीआरटीएस को भी हटाया जाए और दोनों बीआरटीएस में जो बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है, उसकी जांच कर, जिम्मेदारों को सजा दिलाई जाए।

समिति के विरोध के बावजूद अधिकारियों की मनमानी के चलते बनाया गया 

बीआरटीएस योजना की उपयोगिता जानने के लिए विधानसभा की एक प्राक्कलन समिति बनाई गई थी जिसके अध्यक्ष तत्कालीन भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा थे और पारस सकलेचा निर्दलीय विधायक के रूप में उसके सदस्य थे, इन सभी ने बीआरटीएस परियोजना का विरोध किया था और इसे पूर्ण रूप से अव्यावहारिक बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया था लेकिन अधिकारियों की मनमानी के चलते इस प्रोजेक्ट को भोपाल और इंदौर में लागू किया गया और तब से लेकर अब तक तमाम लोग इस बीआरटीएस कॉरिडोर में न केवल मौत के शिकार हुए हैं बल्कि कई लोग जिंदगी भर के लिए अपाहिज भी हो गए, ट्रैफिक का यह हाल कि बीआरटीएस परियोजना जहां पर है वहां जाम की स्थिति रोज बनती है।

हुई चर्चा 

गौरतलब यही कि मंगलवार को केबिनेट बैठक में  13 साल पहले 360 करोड़ रुपये से बनाए गए इस कॉरिडोर को अब चरणबद्ध तरीके से इसे हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई बैठक में भोपाल में बीआरटीएस को हटाने पर सहमति बन गई है। इसमें सभी जन प्रतिनिधियों ने भी इसे हटाए जाने पर अपनी सहमति दी।बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से चर्चा में राजधानी में बीआरटीएस की लंबाई के अलग-अलग हिस्सों को चरणबद्ध रूप से हटाने एवं सड़क के समतलीकरण एवं सुगम यातायात के अनुकूल मार्ग के विकास के कार्यों की योजना पर भी बातचीत हुई। इस बैठक के साथ ही लोक निर्माण विभाग की ओर से वीआईपी रोड (लेक) कॉरिडोर के प्रस्ताव पर भी प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा हुई।

 


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Sushma Bhardwaj

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