प्रदेश के लिपिकों का आंदोलन शुरू, जिला और तहसील मुख्यालयों पर कलेक्टर व एसडीएम को सौंपे ज्ञापन

Amit Sengar
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भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में सभी विभागों के लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ ने आज दिनांक 11 अक्टूबर से आंदोलन की शुरुआत की। आंदोलन के प्रथम चरण में प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालयों में कलेक्टर को और तहसील मुख्यालयों में एसडीएम को स्थानीय शाखाओं द्वारा मुख्यमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन सौंपे गए।

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प्रदेश के लिपिकों का आंदोलन शुरू, जिला और तहसील मुख्यालयों पर कलेक्टर व एसडीएम को सौंपे ज्ञापन

भोपाल में प्रांताध्यक्ष मनोज वाजपेई कार्यकारी प्रांताध्यक्ष महमूद खान ने मुख्य सचिव कार्यालय में ज्ञापन दिया। भोपाल जिला शाखा ने कलेक्टर अविनाश लवानिया जी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। समस्त जिला मुख्यालयों से उत्साहपूर्वक ज्ञापन सौंपे जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं। छोटे छोटे तहसील मुख्यालयों-उचेहरा,नागौद, सीतामऊ, सरदारपुर, गाडरवारा,करेली,कालापीपल इत्यादि में भी स्थानीय लिपिकों ने उत्साहपूर्वक ज्ञापन सौंपे।

प्रदेश के लिपिकों का आंदोलन शुरू, जिला और तहसील मुख्यालयों पर कलेक्टर व एसडीएम को सौंपे ज्ञापन

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प्रदेश के लिपिकों का आंदोलन शुरू, जिला और तहसील मुख्यालयों पर कलेक्टर व एसडीएम को सौंपे ज्ञापन

गौरतलब है कि लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ का यह आंदोलन प्रदेश के लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की दीर्घ लंबित वेतन विसंगति दूर करने, अनुकंपा नियुक्ति से आये लिपिकों को सीपीसीटी से उन्मुक्ति देने, प्रदेश के समस्त लिपिकों को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान देने, पुरानी पेंशन बहाली, रमेश चंद्र शर्मा समिति की अनुशंसाएं लागू करने इत्यादि मांगों को लेकर किया जा रहा है। इसी माह भोपाल में समस्त जिला अध्यक्षों और तहसील अध्यक्षों की मीटिंग बुलाई जा रही है जिसमें आंदोलन के आगामी चरण घोषित किये जायेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में उक्त सभी मांगों पर तत्कालीन वित्तमंत्री से हुई वार्ता में सहमति बन गई थी तथा उनके आश्वासन पर लिपिकों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया था लेकिन उसके बाद तत्कालीन वित्तमंत्री जी ने नहीं किया था।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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