सीएम डॉ मोहन यादव का सवाल अरविंद केजरीवाल को पद से इतना मोह क्यों? सांसद मनोज तिवारी का तंज,  “जेल से गैंग चलते हैं सरकार नहीं”

मनोज तिवारी ने कहा कि जिस कांग्रेस के भ्रष्टाचार को आधार बनाकर केजरीवाल ने राजनीति शुरू की आज वाही भ्रष्ट कांग्रेस उसके सपोर्ट में कड़ी है, भ्रष्टाचारी ही भ्रष्टाचारी का साथ दे रहा है, अब उन्होंने जेल से सरकार चलाने वाले बयान पर कहा कि जेल से सरकार नहीं गैंग चलते हैं ।

Atul Saxena
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ED Arrests Arvind Kejriwal Delhi liquor policy case: दिल्ली शराब नीति मामले में अरिविद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद से सियासी घमासान मच गया है, इस बीच दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी और मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा दिए गए बयान’ अरविंद इस्तीफा नहीं देंगे , जेल से ही सरकार चलाएंगे” ने माहौल को और गरमा दिया है।

आप नेता बोले “जेल से सरकार चलाएंगे अरविंद केजरीवाल”

गौर करने वाली बात ये है कि देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ है किसी सिटिंग मुख्यमंत्री को किसी एजेंसी ने गिरफ्तार किया है, अब आम आदमी पार्टी ने नेता एक ही माहौल बना रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे लेकिन इस्तीफा नहीं देंगे, आप नेताओं के बयान पर भाजपा सांसद और पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने तंज कसा है।

BJP सांसद मनोज तिवारी का तंज, “जेल से गैंग चलते हैं सरकार नहीं” 

केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि जो जैसा  करेगा वैसा भरेगा, कांग्रेस के केजरीवाल के समर्थन में आने पर भी मनोज तिवारी ने कहा कि जिस कांग्रेस के भ्रष्टाचार को आधार बनाकर केजरीवाल ने राजनीति शुरू की आज वाही भ्रष्ट कांग्रेस उसके सपोर्ट में कड़ी है, भ्रष्टाचारी ही भ्रष्टाचारी का साथ दे रहा है, अब उन्होंने जेल से सरकार चलाने वाले बयान पर कहा कि जेल से सरकार नहीं गैंग चलते हैं ।

MP सीएम डॉ मोहन यादव का सवाल, “केजरीवाल को पद से इतना मोह क्यों?”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने भी अरविंद केजरीवाल द्वारा अब तक इस्तीफा नहीं दिए जाने पर आश्चर्य जताया है, उन्होंने मीडिया एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि शास्त्री जी से लेकर लाल कृष्ण आडवाणी तक सभी ने अपने पदों से इस्तीफा दिया, आडवाणी जी का नाम तो एक डायरी में आया  जो झूठा था तो भी उन्होंने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया लेकिन अरविंद केजरीवाल को पद से इतना मोह क्यों है?


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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