भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ सरकार ने बेरोज़गार युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था। कांग्रेस को सत्ता में आए छह मीहने हो चुके हैं। लेकिन अब तक किसी भी बेरोजगार को कोई भत्ता नहीं दिया गया है। यह बात खुद सरकार ने स्वीकार की है। विधानसभा के मानसूम सत्र में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सरकार से पूछा था कि प्रदेश के कितने शिक्षित बेरोज़गारों को भत्ता दिया गया है। सरकार ने माना है कि अभी तक यह भत्ता किसी को नहीं दिया गया है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में मिश्रा के सवाल के जवाब में बताया कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद किसी भी युवा को बेरोज़गारी भत्ता देने का काम नहीं किया गया है। शिक्षित बेरोज़गारों को भत्ता देने और रोज़गार देने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने मापदंड बनाए हैं जल्द ही इस पर काम शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि युवाओं को 90 दिन की ट्रेनिंग देकर नगरीय क्षेत्र में 100 दिन का रोज़गार देने की योजना है। इसके लिए अधिकतम चार हज़ार रुपए प्रतिमाह दिए जाने की प्रावधान है।
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गौरतलब है कि इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के युवाओं को मनरेग��� की तर्ज पर एक साल में 100 दिनों का रोजगार दिया जाएगा। 100 दिन के रोजगार की एवज में उन्हें 13 हजार रुपए का भत्ता दिया जाएगा।‘युवा स्वाभिमान योजना’ के तहत 21 से 30 उम्र के बीच के 2 लाख रूपये से कम आय वाले परिवारों के शहरी बेरोजगार युवाओं को प्रदेश सरकार साल में 100 दिन का रोजगार देगी, इसमें 10 दिन प्रशिक्षण भी शामिल है। काम में न्यूनतम 33 प्रतिशत और प्रशिक्षण में न्यूनतम 70 फीसदी उपस्थिति जरूरी होगी। इसके बाद ही वे स्टायपेंड के लिए पात्र होंगे। बताया गया है कि उपस्थिति के आधार पर ही उन्हें भुगतान होगा। प्रतिदिन लगभग 134 रुपए दिए जाएंगे, जो पहली बार 10 और फिर 30 दिन के बाद सीधे खाते में जाएंगे। 100 दिन के रोज���ार के बदले सरकार उन्हें करीब 13,000 रूपये स्टायपेंड के रूप में देगी।