Demand to increase vehicle and rent allowance : तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने कहा है कि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को वाहन भत्ता और किराया भत्ता इतना कम मिल रहा है कि उससे महीने भर वाहन चलाना और ढंग का मकान किराए पर लेना मुश्किल है। उन्होने कहा कि केंद्र के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के मुताबिक भत्ते मिल रहे हैं जबकि राज्य के कर्मचारी अब भी नुकसान उठा रहे हैं। इसे लेकर संघ ने मुख्यमंत्री से केंद्र के समान भत्ता देने की मांग की है।
संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को इस भीषण महंगाई में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। 11 साल से छठवें वेतनमान के बाद सितंबर 2012 से वाहन भत्ता बढ़कर 200 रूपये किया गया व मकान किराया भत्ता 10- 7-5-3% की दर से ही मिल रहा है। उन्होने कहा कि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है और इसके बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रुपये मिल रहा है वहीं उस पर 42% महंगाई भत्ता मिलाकर 2556 रुपए वाहन भत्ते के रूप में मिल रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के चार महानगरों में कार्यरत कर्मचारी को सिर्फ 200 रूपये महीना वाहन भत्ते के रूप में मिलते हैं, जबकि पेट्रोल के दाम 108 रूपये लीटर से ज्यादा हैं।