MP News : मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले में बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया ने एक बड़ा खुलासा करते हुए फर्जी मान्यता में CMHO को भी दोषी ठहराया है, उन्होंने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए साफ़ कहा कि फर्जी अस्पतालों का यदि CMHO रजिस्ट्रेशन ही नहीं करते तो नर्सिंग कॉलेज वाले उसे अपना दिखाकर मान्यता कैसे लेते?
बर्खास्त रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया का बड़ा खुलासा
एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के एडिटर इन चीफ वीरेंद्र शर्मा से बात करते हुए बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया ने कहा कि यदि अस्पतालों का निरीक्षण ठीक से किया गया होगा और उसका नियमों से रजिस्ट्रेशन होता तो आज ये नौबत नहीं आती, उन्होंने कहा कि हमारे पास तो नर्सिंग कॉलेज संचालक 100 बीएड का अस्पताल का सर्टिफिकेट लेकर आया तो हमने मान्यता दे दी।
दिवगैया बोलीं – CMHO फर्जी अस्पतालों को मान्यता नहीं देते तो नहीं होता घोटाला
दिवगैया ने कहा कि कॉलेज को मान्यता देने के लिए कॉलेज का खुद का 100 बिस्तर का अस्पताल होना जरूरी होता है हमने जब 2020- 21 में मान्यता दी तो यही नियम था, जब कॉलेज संचालक CMHO के दस्तखत वाला 100 बिस्तर के अस्पताल का सर्टिफिकेट से रहे हैं तो फिर हमारा क्या दोष? यदि CMHO ही फर्जी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन नहीं करते तो आज ये हालात पैदा नहीं होते।
सुनीता शिजू को भी सरकार कर चुकी है बर्खास्त
आपको बता दें कि नर्सिंग घोटाला उजागर होने के बाद सरकार बहुत सख्त है, अब तक नर्सिंग काउंसिल की दो पूर्व रजिस्ट्रार की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं, कल 23 जून को पूर्व रजिस्ट्रार चंद्रकला दिवगैया को बर्खास्त कर दिया गया वहीं इससे पहले पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को भी बर्खास्त किया जा चुका है, अब सरकार उन 6 अधिकारियों की भूमिका की भी जाँच कर रही है जिन्होंने इन फर्जी कॉलेजों का निरीक्षण किया और क्लीन चिट दी थी इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी है।
तो नही होता नर्सिंग घोटाला….
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) June 25, 2024